हस्तरेखा विज्ञान व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पक्षों की जानकारी देता है। हस्तरेखाओं के विश्लेषण से जीवन में आने वाली दिक्कतों का बहुत पहले ही पता किया जा सकता है। यदि पहले ही सूचना मिल जाए तो हम सतर्क हो सकते हैं।
इन्हीं से ही एक है अपराध। हस्तरेखा से यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति अपराधी है अथवा नहीं। पं.शिवकुमार शर्मा के अनुसार ऐसी प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए सबसे पहले उंगली और अंगूठे की बनावट देखी जाती है। अगर दोनों हथेलियों की त्वचा खुरदरी, उंगलियां आगे से नुकीली, अंगूठा चपटा और मस्तिष्क रेखा हथेली के बीचोबीच नीचे की तरफ झुकती चली जाए या ऊपर की ओर उठती हुई ह्रदय रेखा से मिलने की कोशिश करे या मिल जाय तो समझना चाहिए कि ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार और अपराधी किस्म का है।
ऐसा व्यक्ति समय के साथ-साथ उग्र होता जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ऐसे व्यक्ति के हाथ में शनि और मंगल पर्वत का आकलन जरूरी है। यदि मस्तिष्क रेखा या उससे निकल कर कोई शाखा अगर सूर्य पर्वत के नीचे आकर ह्रदय रेखा से मिले तो ऐसा व्यक्ति पच्चीस वर्ष की आयु में अपराध को अंजाम देगा।
अगर मस्तिष्क रेखा, सूर्य एवं शनि पर्वत के मध्य आकर ह्रदय रेखा से मिले तो ऐसा व्यक्ति तीस वर्ष की उम्र में अपराध में संलिप्त हो जाएगा। इसके साथ ही मंगल, शनि एवं चन्द्र पर्वत पर स्थित क्रॉस, जाल एवं काले धब्बे भी आपराधिक स्वभाव का संकेत देते हैं। रेखाओं से हम अपराध की प्रकृति जान सकते हैं। नीचे की तरफ अत्यधिक झुकी मस्तिष्क रेखा अवसाद एवं आत्महत्या की प्रवृति का इशारा करती है।