राजस्थान राज्य में  बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक विधानसभा में  पारित हो गया।इस विधेयक को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया|  इसके साथ ही राजस्थान यह विधेयक पारित करने वाले तीसरा राज्य बन गया है। विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने  विधेयक पर कहा की ये सदन करों को लेकर अपने अधिकार देशहित में छोड़ रहा हैं| जीएसटी लागू करने से देश आर्थिक रूप से समृद्ध होगा।
उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने विधेयक पर कहा की देश में करों की जटिलता तो समाप्त करने के लिए यह एक ठोस कदम हैं|यह देश की अर्थव्यवस्था की दिशा बदलने वाला होगा। लगने वाले करों पर जीएसटी कौंसिल निर्णय करेगी। कौंसिल में एक तिहाई सदस्य केन्द्र के हैं और दो तिहाई राज्यों के सदस्य हैं। अब केंद्र व राज्य दोनों की ही मनमानी नहीं चलेगी|
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राज्य के जीएसटी कानून में यह है कुछ खास-
साल में कर्मचारी को 50 हजार रुपए से अधिक की गिफ्ट दी तो कंपनी को देना होगा कर
किसी वस्तु का मालिकाना हक बदलना भी माना जाएगा वस्तुओं का आदान-प्रदान
मनोरंजन व विज्ञापन पर कर सम्बन्धी 1957 के कानून सहित सात कानून राज्य जीएसटी कानून में समायोजित
राज्य में सृजित होगा कर के प्रमुख आयुक्त या मुख्य आयुक्त का पद
वैट के लिए नियुक्त अधिकारी इस कर के लिए कार्य करेंगे।
अपीलों पर सुनवाई केन्द्रीय जीएसटी कानून के तहत गठित अपीलीय ट्रिब्यूनल की बेंच करेगी
ये हैं गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स बिल((जीएसटी)
गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स बिल, जिसे औपचारिक तौर पर संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, 2014 के नाम से जाना जाता है, एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में किसी वस्तु के निर्माण, बिक्री और खपत के साथ ही सेवा पर लगता है। लागू होने पर पूरे देश में एक प्रकार का टैक्स लगेगा और एक्साइज ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और सेवा कर के साथ ही राज्य सरकार के वैट (मूल्य संवर्द्धित कर), एंट्री टैक्स और लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे।
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