
जब केपीएस गिल के नाम से थर्राते पंजाब के दुर्दांत आतंकी, गिल के मशहूर 10 किस्से
सिख बहुल राज्य पंजाब में अलगाववादी आंदोलन को कुचलने का मुख्य श्रेय गिल को ही मिला। पंजाब में मिली सफलता के बाद जहां अपराधियों में उनका खौफ फैल गया, वहीं मीडिया में वह ‘सुपरकॉप’ के रूप में चर्चित हुए।
गिल को उनकी सेवा के लिए 1989 में पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था। केपीएस गिल 1995 में पुलिस फोर्स से रिटायर हुए थे। गिल इंडियन हॉकी फेडरेशन (IHF) के प्रेसिडेंट भी थे।
गिल ने 2006 में सुरक्षा सलाहकार रहते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को बस्तर की तीन सड़कों का निर्माण करने का सुझाव दिया था। ये सड़के थीं- दोरनापाल-जगरगुंडा, सुकमा कोंटा और नारायणपुर-ओरछा, लेकिन वे बन नहीं पाई। केपीएस गिल ने अफगानिस्तान में युद्ध के माहौल में भी 218 किलोमीटर देलारम-जरंज हाईवे का निर्माण चार साल में कराया था।
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