बलिया जिले के विभिन्न इंटर कॉलेजों और संस्कृत विद्यालयों में की गई 200 से अधिक नियुक्तियां जांच के घेरे में हैं। डीआईओएस देवेंद्र गुप्ता ने मामला संज्ञान में आने के बाद उक्त शिक्षकों के वेतन के भुगतान पर रोक लगा दी है। डीआईओएस के अनुसार सभी नियुक्तियां पूर्व डीआईओएस रमेश सिंह के कार्यकाल की हैं। नियमों को ताक पर रखकर उक्त नियुक्तियां की गई हैं। यहां तक कि बिना अनुदान के कॉलेज में भी 50 से अधिक नियुक्तियां कर दी गई। साथ ही भुगतान भी कर दिया गया। डीआईओएस के अनुसार मामले की जांच के लिए शासन स्तर से भी टीम का गठन किया जा रहा है।
जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि नियमों को तक पर रखकर जिले के कई इंटर कालेजों एवं संस्कृत विद्यालयों में करीब 200 शिक्षकों की नियुक्तियां गलत ढंग से की गई है। अवैध तरीके से नियुक्त इन शिक्षकों की सूची बना ली गई है। वेतन रोक दिया गया है।
उक्त शिक्षकों के संबंध में जब स्थानीय लिपिकों से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कोई भी फाइल अपने पास होने से इनकार किया। लिपिकों का कहना था कि सभी शिक्षकों की फाइलें तत्कालीन डीआईओएस रमेश सिंह अपने साथ ले गए हैं।
गौरतलब है कि मऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश सिंह ने कुछ दिन पहले मऊ जनपद के विभिन्न अनुदानित स्कूलों में 20 से अधिक फर्जी नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए 2 करोड़ के एरियर भुगतान की बात कही थी। उक्त नियुक्तियां तत्कालीन डीआईओएस देवेंद्र गुप्ता के समय की बताई गईं थीं। जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता का कहना है कि बलिया में अवैध नियुक्तियों का मामला पकड़ में आने के बाद मऊ के डीआईओएस दबाव बनाने के लिए ऐसे आदेश जारी कर रहे हैं।
कुछ माह पहले हुआ था स्थानांतरण
बताते चलें कि कुछ माह पहले तत्कालीन बलिया के डीआईओएस रमेश सिंह का तबादला मऊ के लिए हुआ था। वहीं, मऊ से देवेंद्र गुप्ता बलिया के लिए भेजे गए थे।
क्या कहते हैं अधिकारी
बलिया डीआईओएस द्वारा जो बातें कही जा रही है। बिल्कुल असत्य एवं साक्ष्य के परे हैं। यदि कोई प्रकरण है भी तो वह कोर्ट के अवमानना और वारंट के अधीन है। इसके अतिरिक्त कोई भी ऐसा प्रकरण नहीं है। हमारे ऊपर लगे आरोप निराधार हैं।
रमेश सिंह, डीआईओएस, मऊ
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