टेनिस वैसे तो दुनिया के विभिन्न चर्चित खेलों में से एक है. समय-समय पर टेनिस में आए दिन बड़े छोटे टूर्नामेंट होते ही रहते है. लेकिन आज हम आपको टेनिस के सबसे बड़े टूर्नामेंट विम्बलडन ग्रैड स्लैम के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे है, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. आज हम बात करेंगे, विम्बलडन ग्रैड स्लैम के छोटे से लेकिन शातिर चौकीदार के बारे में. इस चौकीदार का नाम है, रूफस. रूफस दरअसल कोई इंसान नहीं बल्कि एक बाज है. रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो पिछले 10 सालों से इस 42 एकड़ वाले एरिया की रखवाली कर रहा है. रूफस को यह काम इसलिए दिया गया है, क्योंकि यह एरिया काफी बड़ा है. यही कारण है कि बड़ा होने के कारण अक्सर यहाँ पर कबूतर कोर्ट के भीतर वाली घास को नुकसान पहुंचा देते है. चुकी बाज कि नजर तेज होती है, इस कारण यहाँ पर रूफस रखवाली का काम करता है. रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो जब 16 हफ़्तों का था तब ही से यहाँ पर चौकीदारी का काम कर रहा है. रूफस नाम के इस बाज के शरीर के भीतर रेडियो ट्रांसमीटर लगा है जिससे वो कहीं भी जाता है तो उसकी करंट लोकेशन का पता चल जाता है. इतना ही नहीं रूफस सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है. रूफस के ट्विटर पर करीब 10 हजार फॉलोवर है. ]

टेनिस के इस बाज के बारे में जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

टेनिस वैसे तो दुनिया के विभिन्न चर्चित खेलों में से एक है. समय-समय पर टेनिस में आए दिन बड़े छोटे टूर्नामेंट होते ही रहते है. लेकिन आज हम आपको टेनिस के सबसे बड़े टूर्नामेंट विम्बलडन ग्रैड स्लैम के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे है, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. आज हम बात करेंगे, विम्बलडन ग्रैड स्लैम के छोटे से लेकिन शातिर चौकीदार के बारे में.टेनिस वैसे तो दुनिया के विभिन्न चर्चित खेलों में से एक है. समय-समय पर टेनिस में आए दिन बड़े छोटे टूर्नामेंट होते ही रहते है. लेकिन आज हम आपको टेनिस के सबसे बड़े टूर्नामेंट विम्बलडन ग्रैड स्लैम के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे है, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. आज हम बात करेंगे, विम्बलडन ग्रैड स्लैम के छोटे से लेकिन शातिर चौकीदार के बारे में.  इस चौकीदार का नाम है, रूफस. रूफस दरअसल कोई इंसान नहीं बल्कि एक बाज है. रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो पिछले 10 सालों से इस 42 एकड़ वाले एरिया की रखवाली कर रहा है. रूफस को यह काम इसलिए दिया गया है, क्योंकि यह एरिया काफी बड़ा है. यही कारण है कि बड़ा होने के कारण अक्सर यहाँ पर कबूतर कोर्ट के भीतर वाली घास को नुकसान पहुंचा देते है. चुकी बाज कि नजर तेज होती है, इस कारण यहाँ पर रूफस रखवाली का काम करता है.      रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो जब 16 हफ़्तों का था तब ही से यहाँ पर चौकीदारी का काम कर रहा है. रूफस नाम के इस बाज के शरीर के भीतर रेडियो ट्रांसमीटर लगा है जिससे वो कहीं भी जाता है तो उसकी करंट लोकेशन का पता चल जाता है. इतना ही नहीं रूफस सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है. रूफस के ट्विटर पर करीब 10 हजार फॉलोवर है. ]

इस चौकीदार का नाम है, रूफस. रूफस दरअसल कोई इंसान नहीं बल्कि एक बाज है. रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो पिछले 10 सालों से इस 42 एकड़ वाले एरिया की रखवाली कर रहा है. रूफस को यह काम इसलिए दिया गया है, क्योंकि यह एरिया काफी बड़ा है. यही कारण है कि बड़ा होने के कारण अक्सर यहाँ पर कबूतर कोर्ट के भीतर वाली घास को नुकसान पहुंचा देते है. चुकी बाज कि नजर तेज होती है, इस कारण यहाँ पर रूफस रखवाली का काम करता है. 

रूफस के बारे में कहा जाता है कि वो जब 16 हफ़्तों का था तब ही से यहाँ पर चौकीदारी का काम कर रहा है. रूफस नाम के इस बाज के शरीर के भीतर रेडियो ट्रांसमीटर लगा है जिससे वो कहीं भी जाता है तो उसकी करंट लोकेशन का पता चल जाता है. इतना ही नहीं रूफस सोशल मीडिया पर भी एक्टिव है. रूफस के ट्विटर पर करीब 10 हजार फॉलोवर है. ]

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