दिल्ली मेट्रो ने पिछले करीब 11 महीनों के दौरान ट्रेन के फर्श पर बैठे पकड़े गये लोगों से 38 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है. यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिले जवाब में सामने आई है.
गंदगी फैलाने, बाधा उत्पन्न करने, उचित टोकन के बिना यात्रा करने और अधिकारियों के काम में बाधा डालने सहित विभिन्न अपराधों के लिए जून 2017 से मई 2018 के बीच 51,000 लोगों से कुल 90 लाख रूपये वसूल किये गए थे. पीटीआई संवाददाता की ओर से दायर की गई आरटीआई के जवाब में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने कहा कि इनमें से सबसे अधिक 38 लाख रुपये फर्श पर बैठने वालों से वसूल किया गया.
एक अनुमान के मुताबिक ट्रेन के फर्श पर बैठने के लिए 19,026 लोगों पर जुर्माना लगाया गया. मेट्रो के नियमों के मुताबिक, मेट्रो ट्रेन के फर्श पर बैठना सार्वजनिक शिष्टाचार के मुताबिक नहीं है और इसके लिए 200 रुपये का जुर्माना है.
छत पर बैठकर की यात्रा
डीएमआरसी के मुताबिक, पिछले साल जून से लेकर इस साल मई तक 51,441 लोगों पर जुर्माना लगाया गया और कुल 89,94,380 रुपये वसूल किये गए. मेट्रो की ब्लू लाइन पर ट्रेन की छत पर यात्रा करने का भी एक मामला दर्ज किया गया जिसके लिए अपराध करने वाले से 50 रुपये का जुर्माना वसूला गया.
मेट्रो की येलो लाइन पर सबसे अधिक जुर्माना 39,20,220 रुपये वसूल किया गया. अन्य अपराध जिसमें जुर्माना वसूल किया गया उनमें टोकन ले जाते हुये, आपत्तिजनक सामग्री ले जाते हुये, गैरकानूनी तरीके से प्रवेश और मेट्रो की पटरियों पर चलना शामिल है. कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आया कि फर्श पर बैठने के लिए जुर्माना क्यों वसूल किया गया.
द्वारका से नोएडा रोजाना यात्रा करने वाली दीपिका भाटिया को मेट्रो से घर पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है. उन्होंने कहा, ‘मेरे पास दिन भर काम करने के बाद खड़े होने की ताकत नहीं रहती है.’ उन्होंने कहा कि वह समझती है कि यह अपराध है लेकिन इसके पीछे का कारण पता नहीं चल सका है.
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