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रात का तापमान छह डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इस माह में इतना तापमान नवंबर में हुई गेहूं की बिजाई के लिए वरदान माना जा रहा है। पंजाब के किसान इस बार अधिक उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले साल गेहूं का उत्पादन 18 क्विंटल प्रति एकड़ था। इस बार इसके 19 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ होने की उम्मीद है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अप्रैल में फसल की कटाई तक मौसम गेहूं के लिए अनुकूल रहेगा। इस बार फसल पर येलो रस्ट का हमला नहीं हुआ है। वहीं, कीटनाशकों का प्रयोग भी बहुत कम हुआ है। खेतीबाड़ी के माहिरों का कहना है कि फरवरी अंत और मार्च में तापमान अगर कम रहे तो गेहूं की फसल पकने के लिए पूरा समय मिल जाता है। अगर तापमान एकदम से बढ़ जाए तो दाना सूख सकता है। पंजाब में इस बार 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुआई की गई है। खेतीबाड़ी विभाग का मानना है कि यदि मौसम और अन्य परिस्थितियां ऐसे ही अनुकूल रहीं तो बंपर फसल की उम्मीद है।
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पंजाब के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम चल रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अमृतसर चार डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा। वहीं, बठिंडा में 4.5 डिग्री सेल्सियस, फरीदकोट में 4.6, गुरदासपुर में 5.7, लुधियाना में 6.2, पटियाला में 7.2 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से कम है। वहीं, पठानकोट में न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस रहा।मौसम पूरी तरह गेहूं के अनुकूल है। फरवरी माह के अंत और मार्च में तापमान कम रहा तो फसल को काफी फायदा होगा। इस बार बंपर फसल होने की उम्मीद है।
– डॉ. जसबीर सिंह बैंस, डायरेक्टर, खेतीबाड़ी विभाग