आज सुबह ही जबलपुर से लौटी……
श्रीगुरु जी 21-मई के कार्यक्रम की तैयारी के लिए हमारी प्रतीक्षा कर रहे थे | मीटिंग के दौरान ये किसी बात पर बोले, “बच्चों को Social Studies की बुक में पढ़ाते हैं – ‘Love Your Neighbour’|
यह सीख बच्चा जब अमल करता है तो हम बहुत खुश होते हैं कि चलो बच्चा संस्कारी हो रहा है, एक अच्छा इन्सान बन रहा है….हम भी जब बाहर टहलने निकलते हैं और पड़ोस के Singh साहब से मिलते हैं…और हमारा बच्चा जब उनको नमस्कार नहीं करता तो हम उसे डपटते हुए कहते हैं – अरे ! नमस्ते करो बेटा,Singh Uncle को wish नहीं किया आपने….पर इन्हीं Singh Uncle से किसी बात पर मन-मुटाव होते ही बच्चे को समझा देते हैं कि उन्हें wish करने की ज़रूरत नहीं, वह ऐसा है, वैसा है….Uncle संबोधन भी गायब हो जाता है या करा दिया जाता है….”
“हाँ…और लोग ये कहते हुए भी पाए जाते हैं कि हम बच्चों से यह सब बातें नहीं करते, लड़ाई बड़ों में हैं, बच्चों को इन सब से क्या मतलब पर सारी बुराई Singh साहब की करेंगे ,बच्चों के ही सामने और फिर बच्चा खुद ही नमस्ते करना छोड़ देता है…..” मैं बीच में बोल पड़ी |
श्रीगुरु जी बोले, “हाँ और यही बड़े अपने बच्चों से Singh साहब से distanceरखवाते हैं क्योंकि ख़ुद की नहीं बन रही पर पाकिस्तान के पड़ोसी होने पर, सारे पड़ोसी फ़र्ज़ निभाते हैं, उसका झंडा जलाओ तो दर्द इन्हें होता है….” श्रीगुरुजी बोले।
इनकी पूरी बात सुनकर मैं समझी कि आघात कहाँ पर था…..और साथ ही यह भी समझी कि जब बच्चे आस-पास के वातावरण से बिना direct सिखाये ,सीख जाते हैं…तो अगर हम देश की चर्चा, उसके अच्छे-बुरे हालात की चर्चा, उनके सामने करेंगे तो वह भी देश – प्रेम,देश- भक्ति सीख जाएंगे….
तो 21 मई का कार्यक्रम याद है न….नीचे Card attach कर रही हूँ, पूरा पढ़ियेगा….आइयेगा, औरों को भी कहियेगा आखिर आपका कार्यक्रम है……
आपके हमारे देश का कार्यक्रम है…..और हां, भारत सरकार के विदेश राज्य मंत्री भी इस कार्यक्रम में आ रहे हैं….. आप सभी के साथ