अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें सार्वजनिक दीवारों को नुकसान पहुंचाने उन्हें गंदा करने और नष्ट करने में कथित रूप से शामिल उम्मीदवारों और छात्र संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को सितंबर 2024 में आयोजित दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव लड़ने वाले कई उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कथित मामले में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उम्मीदवारों को कार्यवाही में पक्षकार बनाया और उन्हें 28 अक्टूबर को पेश होने और अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
अदालत ने मौखिक रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील से कुलपति को यह बताने के लिए कहा कि प्रशासनिक विफलता के कारण यह दुखद स्थिति पैदा नहीं हुई है और उन्हें सुधारात्मक उपाय करने चाहिए। अदालत ने पोस्टर, होर्डिंग और भित्तिचित्रों सहित सभी विरूपण सामग्री को हटाए जाने और सार्वजनिक संपत्ति को बहाल किए जाने तक डूसू चुनावों की मतगणना रोक दी थी।
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें सार्वजनिक दीवारों को नुकसान पहुंचाने उन्हें गंदा करने और नष्ट करने में कथित रूप से शामिल उम्मीदवारों और छात्र संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
पोस्टर हटाने में एमसीडी ने खर्च किए एक करोड़ रुपये
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (डूसू) में उम्मीदवारों की और से प्रचार के लिए लगाए गए पोस्टर बैनर हटाने में एमसीडी ने एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं। एमसीडी की और से यह जानकारी कोर्ट में सोमवार को दी गई। एमसीडी की और से यह राशि डीयू से मांगी गई है। अब डीयू के लिए इतनी बड़ी राशि को चुकाना मुश्किल है।
ऐसे में डीयू कोर्ट की 28 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई का इंतजार करेगा। कोर्ट की और से पहले कहा गया था कि डीयू को इस राशि की भरपाई करनी है इसके लिए वह उमीदवारों से भी यह राशि ले सकता है। डीएमआरसी ने भी सफाई पर खर्च किए एक लाख रुपये मांगे हैं। डीयू की चुनाव समिति की और से पहले उमीदवारों को नोटिस जारी कर भुगतान करने को कहा था।
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