अगर आप उन लोगों में से हैं जो शारीरिक तौर पर सक्रिय नहीं रहते, ज्यादा हाथ-पैर न चलाकर आराम से बैठना पसंद करते हैं तो चेत जाइए। आपकी ये आरामतलबी आपकी जान के लिए खतरा साबित हो सकती है। बुधवार को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की एक चौथाई आबादी तंदुरुस्त रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में हाथ- पैर नहीं चलाती है। जिससे हृदय संबंधी रोगों, डायबिटीज उच्च रक्तचाप और कैंसर के तमाम प्रकारों से घिरने का उन्हें सर्वाधित खतरा है।
जोखिम में जीवन
अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक अपर्याप्त शारीरिक गतिविधियों की वजह से पूरी दुनिया में 1.4 अरब लोगों की जिंदगी जोखिम में है। दुनिया में हर तीन में से एक महिला और हर चार में से एक पुरुष इस समस्या प्रवृत्ति से ग्रसित है। दुखद यह है कि तमाम गंभीर रोगों में साल-दर साल सुधार दिखा है, लेकिन यह रोग लाइलाज होता जा रहा है। 2001 से इस प्रवृत्ति में कोई सुधार नहीं दिखा है। भारत में 25 फीसद पुरुष और 50 फीसद महिलाएं इसी श्रेणी में आते हैं।
क्या तकनीक का है असर
इंसान की जिंदगी और दिनचर्या में तकनीक का इस हद तक दखल पड़ चुका है कि सुबह उठने से लेकर सोने तक हर काम बिना मेहनत और आसानी से किया जा सकता है। ऐसे में लोग ज्यादा सुस्त हो चुके हैं। इंटरनेट क्रांति के बाद औद्योगिक क्षेत्रों में कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल ने इंसान के दिमाग को भी काफी हद तक निष्क्रिय कर दिया है।
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