ताजमहल में 13 से 15 अप्रैल तक शाहजहां का उर्स आयोजित किया जाएगा। एएसआई ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। शाहजहां और मुमताज महल की असली कब्रों को तीन दिवसीय उर्स के दौरान आम पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। एएसआई अधिकारियों के मुताबिक 13 अप्रैल को दो बजे से गुस्ल की रस्म से उर्स शुरू होगा। उसी दौरान फातिहा पढ़ी जाएगी। 

 ताजमहल बंद होने के समय तक कव्वालियां होंगी। दोपहर दो बजे से पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। अगले दिन 14 अप्रैल को दोपहर 2 बजे संदल चढ़ाया जाएगा। शाम तक कव्वालियां होंगी। 15 अप्रैल को सुबह कुल शरीफ होगा और पूरे दिन चादरपोशी होती रहेगी। सुबह से ही पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। मुख्य द्वार पर तीनों दिन शहनाई बजेगी और फूलों के साथ मोतियों की चादर पेश की जाएगी। इस बार 1111 मीटर की चादर भी चढ़ाई जाएगी। 
गुरुवार दोपहर में शाहजहां के उर्स की तैयारियों के लिए एएसआई की ओर से ताजमहल में आयोजित की गई बैठक में खुद्दाम ए रोजा कमेटी अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर ने हिंदुस्तानी सतरंगी चादर को परंपरागत रूप से दक्षिणी गेट से ही प्रवेश कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि दक्षिणी गेट से अगर चादर प्रवेश नहीं करने दी गई तो वह उर्स का बहिष्कार कर देंगे।
इस बार 1111 वर्ग मीटर की चादर शाहजहां के उर्स में वह पेश करेंगे, लेकिन एएसआई अधिकारी दक्षिणी गेट से प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे हैं। परंपरा का उल्लंघन किया जा रहा है, इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। ताजमहल के दक्षिणी गेट को जनवरी में बंद करने के बाद से ही स्थानीय लोग गेट खोलने की मांग कर रहे हैं। 
उर्स के दौरान तीनों दिन और 16 मई से शुरू हो रहे रमजान में दक्षिणी गेट खोलने की मंाग की गई है। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक रमजान में रात की नमाज के दौरान दक्षिणी गेट से ही स्थानीय लोग प्रवेश करते रहे हैं। इस बार भी उसे खोला जाए। शुक्रवार को नमाज के बाद वह प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
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