अरुणाचल प्रदेश की सरकार भी भूत-प्रेत और पूजा-पाठ में यकीन करने लगी है। दरअसल, यहां तीन-तीन मुख्यमंत्रियों और एक कर्मी की असामयिक मौत ने आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी इसे भुतहा मानने पर मजबूर कर दिया जिसके चलते इस बंगले में पूजा-पाठ कराने के बाद इसे गेस्ट हाउस में तब्दील किया जा रहा है।
हाल ही में यहां पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली थी जबकि इससे पहले दो अन्य मुख्यमंत्रियों-दोरजी खांडू तथा जारबम गैमलिन की यहीं रहते हुए असामयिक मौत हो चुकी है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के नीति विहार स्थित इस आधिकारिक मुख्यमंत्री निवास पर 9 अगस्त को कलिखो पुल की आत्महत्या के दो महीने बाद ही एक कर्मचारी ने पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली थी।
उप मुख्यमंत्री चौणा मीन ने बताया कि मुख्यमंत्री के बंगले को सरकारी गेस्ट हाउस में बदलने का निर्णय लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बंगले की साफ-सफाई और जरूरी मरम्मत के बाद उसे अगले तीन से चार महीने में दोबारा रहने लायक बनाया जाएगा। लोगों के मन से बंगले के भुतहा होने का भय और वहम दूर करने के लिए सरकार वहां पूजा-पाठ भी कराएगी।
उप मुख्यमंत्री चौणा मीन ने बताया कि मुख्यमंत्री के बंगले को सरकारी गेस्ट हाउस में बदलने का निर्णय लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बंगले की साफ-सफाई और जरूरी मरम्मत के बाद उसे अगले तीन से चार महीने में दोबारा रहने लायक बनाया जाएगा। लोगों के मन से बंगले के भुतहा होने का भय और वहम दूर करने के लिए सरकार वहां पूजा-पाठ भी कराएगी।
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इस आधुनिक बंगले का निर्माण 2007-09 में शुरू किया गया था और यह 2009-10 में बनकर तैयार हुआ था। कुल 2794.80 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले इस बंगले को बनाने में उस वक्त 59.55 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। यह प्रोजेक्ट पीडब्ल्यूडी की देखरेख में शुरू हुआ था और इसकी डिजाइन शहरी विकास मंत्रालय तथा शहर नियोजन विभाग के मुख्य वास्तुकार ने तैयार की थी।