टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के बारे में सभी जानते हैं कि उनकी विकेटकीपिंग किस स्तर की है। धोनी की असाधारण विकेटकीपिंग पर पिछले कई वर्षों से बहस होती आई है, लेकिन कोई उनकी काबिलियत पर सवाल खड़ा नहीं कर सका। धोनी ने किसी को फॉलो नहीं किया, लेकिन अपनी अलग तकनीक का स्टैंडर्ड जरूर सेट किया। धोनी जिस तरह गेंद को लपकते हैं, कोच युवा खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकते हैं।
बहरहाल, एमएस धोनी के स्टंपिंग करने की रफ्तार के फैंस दीवाने हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में जब स्टंपिंग की बात आती है तो धोनी के आस पास कोई नहीं टिकता। रांची के विकेटकीपर के रिफ्लेक्सेस बहुत ही तेज हैं। एक बल्लेबाज को भी इस बात का अंदाजा है कि अगर एमएस धोनी विकेट के पीछे मौजूद हैं तो उसे अपने फुटवर्क का खास ख्याल रखना होगा। पलक झपकती भी नहीं है कि धोनी स्टंपिंग कर देते हैं।
महेंद्र सिंह धोनी की असाधारण कीपिंग और स्टंपिंग का यह आलम है कि जब भी वह विश्वास के साथ अपील करते हैं तो पता होता है कि बल्लेबाज निश्चित ही आउट है। आपको दूसरी बार इसे देखने की जरुरत नहीं है। बता दें कि टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान ने अपने नाम 768 शिकार दर्ज कर रखे हैं। वह इस लिस्ट में मार्क बाउचर (998) और एडम गिलक्रिस्ट (905) से पीछे हैं।
एमएस धोनी ने खुलासा किया कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान नेट्स पर विकेटकीपिंग का अभ्यास नहीं करते। बहुत ही कम ऐसा होता है कि धोनी विकेटकीपिंग का अभ्यास करें। चेन्नई सुपरकिंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने 8 साल में धोनी को कभी विकेटकीपिंग का अभ्यास करते नहीं देखा।
36 वर्षीय धोनी ने कहा, ‘मेरे ख्याल से इसलिए प्रैक्टिस नहीं करता क्योंकि मेरी विकेटकीपिंग स्टाइल अलग है। स्टीफन फ्लेमिंग ने हमेशा कहा कि अपने 8 साल आईपीएल कोचिंग करियर के दौरान उन्होंने कभी भी मुझे कीपिंग का अभ्यास करते नहीं देखा। मेरे ख्याल से काफी चीजें मानसिकता पर निर्भर करती हैं। विकेटकीपर्स को कैचिंग की ज्यादा जरुरत नहीं होती है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कई कीपर्स को जरुरत से ज्यादा कीपिंग की प्रैक्टिस करते देखा है। वह मैदान पर आते हैं, मेंढक स्टाइल में कीपिंग करते हैं और उनके जबड़े भी फ्लोर के समानांतर होते हैं। कीपर को क्या करना होता है? आप 100 गेंदें छोड़िए, लेकिन जब भी कैच लेने का मौका मिले तो उसे लपक लीजिए। जब कभी स्टंपिंग का मौका मिले तो उसे भुनाइए। इसी की जरुरत होती है।’
बकौल धोनी, ‘आपको बहुत अच्छे कीपर की जरुरत नहीं होगी, जिसका प्रदर्शन निरंतर नहीं हो। आपको बहुत खराब विकेटकीपर की जरुरत होगी, जो कई गेंदें सही से नहीं भी पकड़े, लेकिन कैच लपके और स्टंपिंग करें। वह कप्तान की मदद करें।’