बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद अब बिहार कांग्रेस में खलबली मची है. एक तरफ जहां कांग्रेस के दर्जनभर से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल होने की अटकले हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के एक गुट ने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उन पर आरजेडी से गठबंधन खत्म करने का दबाव बनाया है.अभी-अभी: नोएडा के बिल्डर्स को CM योगी का Ultimatum, तीन माह में ग्राहकों को दें घर
इसी क्रम में पिछले हफ्ते कांग्रेस के कई विधायकों ने राहुल गांधी से मुलाकात भी की. इनमें भागलपुर के कांग्रेसी विधायक अजीत शर्मा भी थे. आजतक से बातचीत में अजीत शर्मा ने कहा, ‘बिहार में लालू की पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं है. हमने राहुल जी से गठबंधन तोड़ कर कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने पर जोर देने की अपील की है’.
अजीत शर्मा ने कहा कि अगले 2 साल तक संगठन को मजबूत करने के बाद भी अगर कांग्रेस को लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू की पार्टी के साथ गठबंधन जरूरी है तो उसी हालात में उस वक्त गठबंधन करना चाहिए. वरना इस वक्त कोई गठबंधन की जरूरत नहीं है. लालू प्रसाद पर हमला बोलते हुए अजीत शर्मा ने कहा कि पिछले 20 सालों से कांग्रेस ने लालू के साथ गठबंधन कर अपनी पार्टी को कमजोर कर दिया है.
शर्मा ने कहा, ‘राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद बिहार में हमेशा लालू ने कांग्रेस की अनदेखी की है. जिसकी वजह से हर चुनाव में कांग्रेस को काफी कम सीटों पर लड़ने का मौका मिलता है’. शर्मा ने लालू पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस को वह तमाम सीटें लड़ने को दी है जिन पर बीजेपी मजबूत होती है.
पार्टी आलाकमान पर भी हमला
अजीत शर्मा ने अपने ही पार्टी के आलाकमान पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘ जिस वक्त उप पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा और जिसकी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन तोड़ दिया, उस वक्त भी उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से इस पूरे मामले में मध्यस्थता करने की अपील की थी और तेजस्वी का इस्तीफा कराने की वकालत की थी. मगर केंद्रीय कांग्रेस का कोई भी नेता इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए बिहार नहीं आया’.