नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक रणभूमि में इस बार कमल खिलता दिख रहा है। संभावना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आए और हो सकता है कि इस बार यूपी में भाजपा सरकार भी बना ले।
दरअसल एक न्यूज चैनल के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो वहीं बसपा दूसरे नंबर और सपा तीसरे नंबर की पार्टी बनकर सामने आई है। सर्वे के अनुसार भाजपा यूपी के सभी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत बहुमत की ओर बढ़ रही है। उसे बसपा और सपा के मुकाबले ज्यादा वोटों का फायदा होता दिख रहा है।
सर्वे के अनुसार भाजपा को पूरे उत्तर प्रदेश में 31 फीसदी वोट और 170-183 सीट मिलती दिख रही हैं। यानी वो सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बहुमत से कुछ पीछे रह जायेगी। बसपा दूसरे नम्बर पर 28 फीसदी वोटों के साथ बनी हुई है। सबसे बड़ी हार सत्तारूढ़ सपा को हो रही है जिसे महज 25 फीसदी वोट मिल रहे हैं। उम्मीद है कि सपा सौ सीटों से भी कम पर सिमट जाएगी।
सबसे बड़ा फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश में
सर्वे के अनुसार भाजपा को सबसे बड़ा फायदा उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से से मिलता दिख रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसे 33 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। इस क्षेत्र में विधानसभा की 167 सीटें हैं। इस क्षेत्र में दूसरे नम्बर पर बसपा है जिसे 28 फीसदी सीट मिलने की बात कही जा रही है।
यहां यह भी ध्यान देना होगा कि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी यहां तीसरे स्थान पर दिख रही है जिसे महज 22 फीसदी वोट मिलता दिखाया गया है। यह आंकड़ा उसके लिए भारी नुकसान वाला है क्योंकि पिछले चुनाव में उसे इस क्षेत्र से भारी बढ़त मिली थी। सपा ने इस बार मुख्तार अंसारी जैसे आपराधिक छवि के बाहुबली को भी मुस्लिम वोटों की लालच में साथ लिया और इसके कारण सपा में बड़ी दरार भी पड़ गयी, इसके बावजूद उसे इस क्षेत्र में कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है।
पश्चिमी क्षेत्र में भी भाजपा की लहर
प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में भी भाजपा को भारी बढ़त मिलने की उम्मीद है। यहां हुए सर्वे में उसे 31 फीसदी वोट मिलने की बात कही गयी है। दूसरे नम्बर पर संयुक्त रूप से सपा-बसपा बनी हुई हैं।
मध्य क्षेत्र में सपा आगे
प्रदेश की 81 विधानसभा सीटों वाले मध्यक्षेत्र में समाजवादी पार्टी को मामूली बढ़त होती दिख रही है। उसे यहां सबसे ज्यादा यानी 29 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है जबकि दूसरे नम्बर पर उसकी प्रतिद्वंद्वी बसपा है जिसे सपा से एक फीसद कम यानी 28 फीसदी वोट मिल रहा है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि पश्चिमी क्षेत्र में कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा, मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा और बुलंदशहर दुष्कर्म जैसे मामले हुए। माना जा रहा है कि इन सब घटनाओं से नाराज जनता ने भाजपा को अपना मत दिया है।
बुंदेलखंड में बसपा आगे
उन्नीस विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में बसपा को 34 फीसद वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। दूसरे नम्बर पर भाजपा को 32 फीसदी और सपा को महज 16 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। बुंदेलखंड में सपा के कमजोर प्रदर्शन के पीछे सपा की सूखे के दिनों में सही काम न करना बताया जा रहा है।
दरअसल इस क्षेत्र में पड़े भयंकर सूखे के दौरान केंद्र ने जल ट्रेन भेजने की व्यवस्था भी की थी जिसे प्रदेश सरकार ने लेने से इनकार कर दिया था। कथित रुप से इस क्षेत्र के लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।