लखनऊ / सहारनपुर. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आगरा, इलाहाबाद और झांसी में सफल पुलिस कप्तान की भूमिका अदा कर चुके 2005 बैच के तेज़ तर्रार आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे को सहारनपुर की जिम्मेदारी सौंपी है. अपने सख्त रवैये के साथ-साथ निष्पक्ष कार्यशैली रखने वाले सुभाष चंद्र दुबे ने सहारनपुर पहुँचने के साथ ही अपनी कार्यशैली का नमूना पेश कर दिया है. थाना परिसर में बेल्ट से एक व्यक्ति की पिटाई करने वाले प्रभारी निरीक्षक यज्ञ दत्त शर्मा को निलम्बित कर उन्होंने यह सन्देश दे दिया है कि जितने सख्त वह अपराधियों के लिए हैं उतनी ही सख्ती उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी बरतने वाले अधिकारी हैं जो वर्दी का नाजायज़ फायदा उठाते हैं.
आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे ने सहारनपुर का चार्ज लेने के बाद यह कहा भी था कि शहर की क़ानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के अलावा वह शहर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहेंगे. यह काम उन्होंने अपने एक प्रभारी निरीक्षक को निलम्बित करने के साथ ही शुरू कर दिया है. सुभाष चन्द्र दुबे अपनी कार्यशैली किसी भी सूरत में नहीं बदलते हैं. वह 12 जिलों के पुलिस कप्तान रह चुके हैं. अपने सख्त रवैये की वजह से पिछली सरकार में वह गाजीपुर जिले से हटाये भी जा चुके हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने इनकी निष्पक्ष कार्यशैली की वजह से इन्हें दोबारा गाजीपुर में तैनात भी किया था.
अब जब सहारनपुर दूधली प्रकरण की वजह से चर्चा में है तब योगी सरकार ने भी सुभाष चन्द्र दुबे पर ही भरोसा किया है. सहारनपुर पहुँचने के बाद सुभाष शर्मा ने सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे प्रभारी निरीक्षक यज्ञ दत्त शर्मा के वीडियो को देखा. इस वीडियो में शर्मा थाने में एक व्यक्ति को अपने पास कुर्सी पर बिठाकर बेल्ट से पीट रहे हैं. थाने में होती पिटाई के वीडियो को देखने के बाद एसएसपी ने प्रभारी निरीक्षक को निलम्बित करने का आदेश सुना दिया है.