नवंबर महीने में थोक मुद्रास्फीति में गिरावट देखने को मिली है। नवंबर में थोक महंगाई दर यानि डब्ल्यूपीआई घटकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। नवंबर में थोक महंगाई दर 5 महीने के निचले स्तरों पर आ गई है। अक्टूबर में भी थोक महंगाई दर घटकर 3.39 फीसदी रही थी। वहीं सितंबर की थोक महंगाई दर 3.57 फीसदी से संशोधित होकर 3.8 फीसदी हो गई है।
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खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर भी घट गई है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में खाद्य महंगाई दर 4.34 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर नवंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 3.3 फीसदी से घटकर 1.2 फीसदी रही है।
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत के चलते भी थोक मुद्रास्फीति प्रभावित हुई है। वहीं मंगलवार को जारी हुए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में भी गिरावट देखने को मिली थी।
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मंगलवार को जारी खुदरा महंगाई के आंकड़ों में भी आई थी कमी:
नोटबंदी के बाद कमजोर पड़ी मांग खासकर सब्जियों के भाव में गिरावट आने से खुदरा महंगाई दर नवंबर में घटकर 3.63 प्रतिशत रह गई। खुदरा महंगाई दर का यह स्तर जनवरी 2014 के बाद न्यूनतम है। विशेष बात यह है कि खाद्य महंगाई दर भी घटकर 2.11 प्रतिशत पर आ गयी है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई में गिरावट आना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बढ़ने पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार खुदरा मूल्यों पर आधारित महंगाई दर इस साल अक्टूबर में 4.20 प्रतिशत तथा पिछले साल नवंबर में 5.41 प्रतिशत थी। वैसे पिछले साल अगस्त में भी खुदरा महंगाई दर घटकर 3.66 प्रतिशत के स्तर पर आयी थी।
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