रेलबाजार थानाक्षेत्र की लोको कॉलोनी स्थित रेलवे ग्राउंड में दंपती हत्या कांड में एक फोन ने पुलिस को हत्यारों तक पहुंचा दिया। पुलिस नाबालिग समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके हत्या का राजफाश कर दिया है। पकड़े गए आरोपितों ने लूटपाट के लिए दंपती को मौत के घाट उतारने की जानकारी दी है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर लूटे गए मोबाइल फोन, शालू के जेवर व बक्से से लूटे 4000 रुपये बरामद किए हैं।
शालू के फोन से शबीना को हुई थी कॉल
रेलबाजार थानाक्षेत्र की लोको कॉलोनी स्थित रेलवे ग्राउंड के क्वार्टर में रहने वाले 23 वर्षीय पेंटर विष्णु निषाद और उसकी 22 वर्षीय पत्नी शालू की हत्या कर दी गई थी। विष्णु के सिर पर पत्थर से ताबड़तोड़ वार किए गए थे और शालू का गला कसा गया था। उसका शव क्वार्टर के कमरे में निर्वस्त्र हालत में मिला था और कमरे का सामान बिखरा पड़ा था। शालू के कॉन के बाले और अंगूठी सुरक्षित मिलने पर पुलिस लूटपाट की आशंका से इन्कार कर रही थी।
बीते गुरुवार को सर्विलांस टीम को पता चला कि हत्याकांड के बाद सोमवार सुबह 8:44 बजे शालू का फोन चालू हुआ था और उससे सुजातगंज चंदारी की महिला शबीना के नंबर पर कॉल की गई थी। शबीना से पूछताछ के बाद शनिवार को पुलिस ने वारदात का राजफाश कर दिया। पुलिस ने कर्नलगंज स्थित गम्मू खां का हाता निवासी मास्टरमाइंड दानिश व सुजातगंज निवासी उसके दो भांजों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
रेलवे ग्राउंड में बैठकर करते थे नशेबाजी
एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया की घटना का मास्टरमाइंड उस महिला का रिश्ते का भाई कर्नलगंज गम्मू खां का हाता निवासी मो. दानिश है, जो इन दिनों मीरपुर तलऊवा में रह रहा था। वह रेकी करके महिला के घर रहने वाले सगे भांजे जमशेद उर्फ गोलू, नाबालिग भाई और रूरा (कानपुर देहात) के रामनगर सिंधी वट्टा निवासी विकास गौतम की मदद से चोरियां और लूटपाट कराता था। नौबस्ता व चकेरी में भी उन्होंने दो चोरियां कीं थीं। जमशेद, विकास व दानिश रेलवे ग्राउंड में बैठकर नशेबाजी भी करते थे। वारदात से दो दिन पूर्व उन्होंने शालू के पास महंगा मोबाइल फोन देखा तो उसके पास काफी पैसा व जेवर होने की उम्मीद में लूटपाट की योजना बनाई थी।
रविवार देर रात जमशेद, विकास और नाबालिग भाई मैदान पहुंचे और दंपती के सो जाने के बाद शालू के तकिए के नीचे रखी बक्से की चाबी निकालने लगे। शालू की नींद खुली तो उन्होंने उसका मुंह दबा लिया। इसी बीच विष्णु जागा तो जमशेद ने पास पड़े पत्थर से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वारकर मौत के घाट उतार दिया।
इसके बाद तीनों आरोपित शालू को कमरे में खींच ले गए और साड़ी के पल्लू से गला कसकर उसकी भी हत्या कर दी और बक्से से रकम, पाजेब, चांदी की माला व दोनों मोबाइल फोन लूटकर फरार हो गए थे। राजफाश करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी दिनेश कुमार, थाना प्रभारी दधिबल तिवारी, सर्विलांस प्रभारी सतीश सिंह, एसएसआइ संतोष ओझा आदि रहे।
नाबालिग ने शालू के फोन से की थी कॉल
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि वारदात में शामिल जमशेद के नाबालिग भाई ने शालू के मोबाइल फोन से अगले दिन शबीना के मोबाइल फोन पर कॉल की थी, इसके बाद ही वारदात का राजफाश हुआ। पुलिस ने मोबाइल नंबर का ब्योरा निकाला तो वह शबीना के नाम पर निकला। पूछताछ में पता लगा कि शबीना का फोन उसका भांजा जमशेद इस्तेमाल करता था। इसके बाद जमशेद को उठाकर पूछताछ की गई। शबीना ने पुलिस को बताया था कि दो अगस्त की पूरी रात जमशेद घर पर नहीं था, जबकि जमशेद कह रहा था कि वह घर पर ही था। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो राज खुला।
दुष्कर्म से करते रहे इन्कार
आरोपितों ने वारदात के दौरान दुष्कर्म की बात से इन्कार किया है। उनका कहना है कि चाबी मांगने के दौरान और हत्या करने के दौरान महिला की साड़ी व अन्य कपड़े उतर गए थे। फिर भी पुलिस ने चारों आरोपितों का मेडिकल कराया है। उनके मेडिकल सैंपल से महिला के स्लाइड की जांच कराई जाएगी। एसएसपी ने बताया कि अगर स्लाइड की रिपोर्ट से आरोपितों की मेडिकल रिपोर्ट का मिलान होता है तो उनके खिलाफ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म की भी धारा बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा आरोपितों के खिलाफ जल्द ही गैंगस्टर एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। रासुका की भी कार्रवाई कराई जाएगी।