परंपरागत खेती से हटकर महज दो बिस्वा जमीन पर स्ट्रॉबेरी की फसल तैयार करने में तीन माह कड़ी मेहनत की। अब अगले तीन माह तक बिक्री करेंगे। पहली ही खेप में 30 हजार रुपये कमाए हैं, जबकि पूरी लागत सिर्फ 20 हजार रुपये आई। मार्च-अप्रैल तक करीब दो लाख रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है। ये फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है, भीतरगांव ब्लॉक के दौलतपुर निवासी साधारण किसान रमन शुक्ला की, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में विकसित कैमारोजा प्रजाति की स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाल करके दूसरों के लिए मिसाल बन चुके हैं।
10 हजार में एक हजार पौध
रमन बताते हैं, 2019 में एक परिचित ने स्ट्रॉबेरी की खेती की सलाह दी तो लखनऊ के व्यापारी से संपर्क करके स्ट्रॉबेरी की कैमारोजा प्रजाति की पौध कैलिफोर्निया से मंगाई। एक हजार पौध के लिए 10 हजार रुपये खर्च हुए। 30 अक्टूबर को एक हजार पौध की रोपाई दो बिस्वा जमीन पर कर दी। गोबर और जैविक खाद का इस्तेमाल किया। रोपाई के 25 दिन बाद पौधों के नीचे पॉलीथिन बिछा दी, जिससेफल मिट्टी से बचे रहें।
प्रतिदिन पांच किलो तक उत्पादन
प्रतिदिन 250 ग्राम के 20 डिब्बे तक स्ट्रॉबेरी निकल रही है। खेत से ही व्यापारी 60 रुपये प्रति डिब्बा की खरीदारी कर रहे हैं। एक दिन में एक हजार से 12 सौ रुपये के हिसाब से अब तक 30 हजार रुपये कमा चुके हैं। नौबस्ता, किदवईनगर, गोविंदनगर की बाजार में भी बेचते हैं।
आठ से 10 गुना मुनाफा
रमन बताते हैं, लागत से आठ से 10 गुना तक मुनाफा पक्का है। बढिय़ा पैदावार होने पर आय बढ़ भी सकती है। उत्पादन बेहतर होने से उत्साहित रमन इस साल दो बीघे में स्ट्रॉबेरी की खेती करने की तैयारी कर चुके हैं। गांव के किसान ओमप्रकाश त्रिपाठी बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती देखने दूर-दूर से किसान आ रहे हैं।
कैमारोजा प्रजाति की खासियत
कैमारोजा अमेरिका के कैलिफोर्निया में विकसित हुई स्ट्रॉबेरी की प्रजाति है। इसमें कम समय में फल आने लगते हैं। फल बड़ा, मजबूत और स्वादिष्ट होता है। मिठास अच्छी होने के साथ ये विषाणुरोधी भी है।
एक नजर में स्ट्रॉबेरी की खेती
- 20 से 30 डिग्री तापमान में आसानी से मिलती है ग्रोथ।
- 01 से 02 किलो के बीच एक पौधे में उत्पादन।
- 05 से 07 टन पैदावार होती एक हेक्टेयर में।
- 10 टन तक भी पैदावार हो सकती बढिय़ा खेती पर।
- 250 ग्राम के डिब्बे में पैकिंग से मार्केटिंग बनाई आसान।
- 14-15 स्ट्रॉबेरी रखते हैं एक डिब्बे में।
- 60 रुपये प्रति डिब्बा करते हैं बिक्री।
- 240 रुपये प्रति किलो मिल जाती कीमत।