भारत में आज भी दहेज़ अपने पैर ताकत जमाए हुए है. ऐसे में दहेज़ के बोझ के तले दबे माँ बाप और उनकी बेटियों के लिए रावतसर के निकट छोटे से गांव में रहने वाली एक लड़की प्रेरणा बन के उभरी है. बीएड कर चुकी रेणु हरियाणा के सिरसा जिले के गांव निरवाणा निवासी राजवीर कस्वां के बेटे पवन कस्वां से शादी तय हुई थी.

शादी की तारीख 19 फरवरी को तय की गयी थी. शादी से ठीक एक दिन पहले पवन ने रेनू से 11 लाख रूपए नकद और लक्ज़री कार की डिमांड की, इस बात को रेनू ने मज़ाक में लेकर टाल दिया. लेकिन अगले दिन पवन ने फिर रेनू से यही मांग दोबारा की, इस पर रेनू से अपने माँ बाप को पूरी बता बताई.
इस पर शादी तय करवाने वाले बिचोले को साथ लेकफर पंचायत बुलाई गयी. जब शादी के मुहूर्त तक कोई हल नहीं निकला तो रेनू ने खुद ही शादी से इंकार कर दिया. उधर शादी में शरीक होने सारे रिश्तेदार और परिजन आना शुरू हो गए थे. शादी में लवाड़ा थाना के कांस्टेबल कपिल घिंटाला अपने बेटे इंजीनियर राकेश के साथ पहुचे थे.
रेनू के विचारो से प्रभावित होकर राकेश ने उससे शादी करने की इच्छा जाहिर की. ये बात रेनू तक पहुची. दोनों की शादी के मंडप में ही मुलाकात करवाई गयी. दोनों ने एक दुसरे को पसंद किया. रात 2 बजे राकेश रेनू ने शादी करने के लिए बारात लेकर पंहुचा और दोनों कि बड़ी धूमधाम से शादी करवा दी गयी.
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