राजधानी दिल्ली में बीस हजार लीटर प्रतिमाह पानी मुफ्त है, लेकिन इसके बावजूद दिलशाद गार्डन स्थित चार सदस्यों के परिवार का पानी का बिल पौने छह करोड़ रुपये का हो गया। बिल देखकर परिवार के होश फाख्ता हो गए। यहां तक कि घर के मुखिया मोतीराम को सदमा लग गया। उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी पड़ी। प्राथमिक चिकित्सा के बाद वह ठीक हैं। मोतीराम ने जब इस मामले की शिकायत जल बोर्ड के अधिकारियों से की तो बताया गया कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ऐसा हो गया। उन्हें नया बिल जल्द दे दिया जाएगा।
62 वर्षीय मोतीराम अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ ओ पॉकेट, दिलशाद गार्डन में रहते हैं। मोतीराम ने बताया कि दो दिन पहले उनके पास जल बोर्ड का कर्मचारी मीटर की रीडिंग लेने पहुंचा था। उन्होंने मीटर का फोटो खींचकर उन्हें दे दिया। इसके बाद कर्मचारी ने अपने मोबाइल ऐप में रीडिंग को डाला और उन्हें बिल थमा दिया। बिल देखकर उन्हें सदमा लगा। दरअसल, तीन जून से 22 सितंबर का बिल 5,73,25,541 रुपये था। इसमें 1,30,38,339 रुपये उपयोग शुल्क था। 78,23,003 रुपये का सीवरेज शुल्क भी इसमें शामिल था। इस तरह से मौजूदा बिल 2,08,62,426 रुपये का था। इसके अलावा 3,64,63,113 रुपये का एरियर भी इसमें जुड़ा हुआ था। मीटर रीडर से जब परिवार ने पूछा तो उसने बताया कि आप जल बोर्ड के कार्यालय में संपर्क करें। इसके बाद वह चला गया। उधर, पत्नी मोतीराम को लेकर नजदीकी डॉक्टर के पास पहुंचीं। डॉक्टर ने उन्हें दवा देकर घर भेज दिया। बाद में परिवार ने जल बोर्ड में इसकी शिकायत दी।
काफी समय से नहीं आ रहा था बिल
मोतीराम ने बताया कि जब से पानी मुफ्त की योजना शुरू हुई है तब से उनके घर बिल नहीं आ रहा था, क्योंकि चार लोगों के परिवार में महीने में 20 हजार लीटर से अधिक पानी की खपत नहीं थी। बिल देखकर उन्हें लगा कि शायद सब्सिडी हटाकर उनका बिल उसी समय से जोड़ दिया गया है।
अधिकारी ने कहा, तकनीकी गड़बड़ी
एसके रंजन (जल बोर्ड के सीमापुरी के जोनल अधिकारी) का कहना है कि एप के जरिये रीडिंग भरते समय तकनीकी गड़बड़ी की वजह से गलत बिल निकला है। इसे ठीक करा लिया गया है। जल्द ही उन्हें नया बिल दे दिया जाएगा।