लोकसभा चुनाव में दिल्ली के कई दिग्गज इस बार चुनाव प्रचार मैदान में नहीं दिखेंगे। निवर्तमान सांसदों को दूसरे राज्यों में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली से सांसद बने बाहरी नेता भी चुनावी प्रचार से दूर रहेंगे।
चुनाव प्रचार में आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं की भी कमी खल सकती है। आप के दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जेल में हैं। अगर उन्हें चुनाव के दौरान जमानत नहीं मिलती तो वे प्रचार अभियान में शामिल नहीं हो सकेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इन दिनों जेल से ही चिट्ठी लिखकर संदेश भेज रहे हैं। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा भी आंखों के लिए इलाज के लिए दिल्ली की राजनीति से दूर हैं।
विजेंदर को शामिल कर दक्षिणी व पश्चिमी दिल्ली के जाटों को साधा
लोकसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा हर वह पासा फेंक रही है जिससे दूसरे दल चुनाव में चारों खाने चित हो सकें। ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह को पार्टी में शामिल कराने के भी यही राजनीतिक मायने-मतलब हैं। पिछले चुनाव में भले ही दक्षिणी दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार विजेंदर सिंह हार गए थे, लेकिन उन्हें 1,64,613 वोट मिले थे।
इसके मायने ये लगाए जा रहे हैं कि विजेंदर के भाजपा में शामिल होने से जाट समुदाय को साधा जा सकता है। बिधूड़ी गुर्जर उम्मीदवार हैं, लेकिन इससे जाट भी भाजपा प्रत्याशी को वोट देने में कारगर हो सकते हैं। पिछले चुनाव में भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी 3,67,043 वोटों से जीते थे। इस सीट पर दूसरे नंबर पर आप प्रत्याशी राघव चड्ढा रहे थे, जिन्हें 3,19,971 वोट मिले थे, जबकि रमेश बिधूड़ी को 687014 वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस और आप का गठबंधन प्रत्याशी मैदान में है।
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