नक्सल मुद्दे पर सोमवार को होनेवाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिस्सा नहीं लेंगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में 8 मई को नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले के बाद गृहमंत्री ने नक्सलियों से निपटने के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में ममता बनर्जी की जगह राज्य के गृह सचिव मलय डे शामिल होंगे।
राज्य प्रशासन के अंदरूनी सूत्रों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगी क्योंकि वह पहले से तय कार्यक्रम में व्यस्त रहेंगी पिछले महीने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई नीति आयोग की परिषद की बैठक में भी ममता बनर्जी ने हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने बैठक में भाग लेने के लिए राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा को नियुक्त किया था लेकिन इस बैठक में केवल सीएम या डिप्टी सीएम ही हिस्सा ले सकते थे।
राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि ममता बनर्जी एक रणनीति के तहत केन्द्र सरकार द्वारा बुलाई गई हर बैठक का बहिष्कार कर रही हैं। साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए विरोधी पार्टियों के लिए मंच बनाने की कवायद है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बंगाल में माओवादी संकट 2011 में ही समाप्त हो गया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद माओवाद की समस्या राज्य से खत्म हो गया है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहती है कि गृह सचिव माओवाद को राज्य में कैसे समाप्त किया गया, इस बैठक में पूरी बात रखें। ममता बनर्जी सरकार के एक मंत्री ने कहा कि राज्य में टीएमसी की सरकार बनने के बाद जंगलमहल में एक भी व्यक्ति की नक्सलियों ने हत्या नहीं की।