नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना के दिवंगत मार्शल अर्जन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अर्जन सिंह को 21 तोपों की सलामी के अलावा फ्लाइ पास से भी अंतिम दी गई। इस दौरान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और सभी सेना अध्यक्षों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी बरार स्क्वायर में पहुंकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहले गृह मंत्रालय बताय था कि अर्जन सिंह के सम्मान में सोमवार को सभी सरकारी इमारतों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया। उनका 98 वर्ष की उम्र में शनिवार को सेना के रिचर्स एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। 
अर्जन सिंह देश के वे योद्धा थे जिन्हें पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के लिए जाना जाता है। उन्हें 1965 के युद्ध का हीरो माना जाता है जब भारतीय वायु सेना अग्रिम मोर्चे पर थी तब वे उसके प्रमुख थे। वह इकलौते वायु सेना अधिकारी थे जिन्हें फाइव स्टार रैंक दी गई थी। अर्जन सिंह की शव यात्रा सोमवार को सेना की तोप गाड़ी के जरिए उनके आवास से अंतिम संस्कार स्थल तक आई।
अर्जन सिंह को 44 वर्ष की उम्र में ही भारतीय वायु सेना के नेतृत्व की जिम्मेदारी दे दी गई थीए जिन्हें उन्होंने बखूबी निभाया भी था। उन्हें वर्ष 1965 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। दवंगत मार्शल अर्जन सिंह ने भारतीय वायु सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारतीय वायु सेना को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में भी उनका अहम योगदान था। अलग.अलग तरह के 60 से भी ज्यादा विमान उड़ाने वाले सिंह की पहचान बहुत कम बोलने वाले शख्स के तौर पर भी थी। सिंह न केवल निडर फाइटर पायलट थे वरन उनको हवाई शक्ति के बारे में भी गहरी जानकारी थी। इस ज्ञान का वह हवाई अभियानों में खूब इस्तेमाल करते थे।
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