
पुलिस के मुताबिक मोहन परिवार के साथ ब्रह्मपुरी इलाके में रहता था। इसके परिवार में पिता लक्ष्मण सिंह तोमर, मां, दो बड़ी बहन व एक भाई है। पिता लक्ष्मण एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। दिवाली से एक दिन पूर्व घर में साफ-सफाई का काम चल रहा था।
तबीयत बिगडने पर परिजन उसे फौरन जगप्रवेश चंद अस्पताल ले गए। जहां से उसे चाचा नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल में करीब तीन-चार घंटे इलाज कराने के बाद परिजन मोहन को आरएमएल अस्पताल ले गए।
इलाज के दौरान अगले दिन बृहस्पतिवार को मोहन की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मोहन का शव परिवार को सौंप दिया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि चाचा नेहरू अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू खाली न होने की बात कर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती।
वहीं अस्पताल प्रशासन का इससे इंकार है। उनका कहना है कि परिजन अपनी मर्जी से बच्चे को दूसरे अस्पताल ले गए। उन्होंने परिवार के आरोपों को खारिज किया है। न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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