चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है और इस पर्व के आरंभ होने के साथ ही लोग माँ दुर्गा की भक्ति में डूब गए हैं। ऐसे में इस नवरात्रि में यदि आपको मातारानी की कृपा पानी है और आप तंत्र-मंत्र अथवा यंत्र की पीड़ा से ग्रस्त हैं, तो देवी का यह सरल उपाय कर सकते हैं। यह उपाय आपके सभी संकटों को दूर कर देगा और आपको लाभ देगा।

कहा जाता है नवरात्रि में देवी दुर्गा की अराधना करने का सबसे सरल तरीका दुर्गा सप्तशती का पाठ है। हालाँकि बहुत ही कम लोग जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती का पाठ किस तरह से मानव और साधक को फायदा पहुंचाता है? जी दरअसल पहले तो हम आपको यह बता दें कि दुर्गा सप्तशती को भगवान शंकर ने कीलित कर रखा है, जब तक इसे नि
ष्किलित नहीं किया जाता है, पाठ नहीं करना चाहिए, अन्यथा अर्थ का अनर्थ होने में समय नहीं लगता है। कई लोग यह मानते हैं कि उन्होंने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया है लेकिन कोई लाभ नहीं मिला, लेकिन लाभ तो तभी मिलेगा, जब आप सही तरीके से इस ग्रंथ का पाठ करेंगे।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं दुर्गा सप्तशती का वो रहस्य बताते हैं, जिसका ज्ञान बहुत कम लोगों को है। अगर आप दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं कर पाते हैं तो दुर्गा सप्तशती के इस अंशभर का पाठ करने से आपको पूरी दुर्गा सप्तशती के पाठ करने का फल मिलेगा। जी दरअसल दुर्गा सप्तशती में ही सबसे अंत में एक अध्याय आता है, जिसका नाम ‘सिद्धकुंजिका स्तोत्रम्’ है। कहा जाता है इस स्तोत्र में कुल आठ श्लोक हैं और कुछ मंत्र है और इन सभी का जाप नित्य प्रति करने से आपको पूरी दुर्गा सप्तशती के पाठ का लाभ होना शुरू हो जाता है।
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