केंद्र सरकार ने कश्मीर में स्थायी अमन बहाली की अजित डोभाल की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा तैयार की गई इस रणनीति के तहत अलगाववादियों को अलग-थलग कर उन पर कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है।सोपोर से लश्कर का आतंकी बासित हुआ गिरफ्तार: जम्मू एवं कश्मीर
टेरर फंडिंग में सात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी और मनी लांड्रिंग में शब्बीर शाह को दबोचे जाने के बाद अलगाववादियों की बेनामी संपत्ति पर केंद्र की गाज गिरने वाली है। इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय और एनआईए ने पर्याप्त सुबूत जुटा लिए हैं। अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक की दिल्ली समेत देश के कई शहरों में बेनामी संपत्तियां हैं।
इसके अलावा अलगाववादियों के ठाठ पर कैंची चलाने की भी तैयारी है। अलगाववादियों की सुरक्षा और अन्य सुविधाओं पर सरकार हर साल लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च करती है। अलगाववादियों को विमान से यात्रा, होटल खर्च और चिकित्सा सुविधा भी दी जाती रही है। इन सुविधाओं में से अधिकांश का बोझ रियासत सरकार उठाती है।
राजनाथ सिंह ने महबूबा मुफ्ती से की बातचीत
गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद फंटूस को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। अब गिलानी के दोनों बेटों नसीम और नईम से भी पूछताछ की तैयारी है। गिलानी, शब्बीर शाह और मलिक पर प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे पहले से चल रहे हैं। अलगाववादियों ने इसमें जांच एजेंसियों को अब तक कोई सहयोग नहीं किया है।
पुराने मामलों में गिलानी और मलिक की गिरफ्तारी के पुख्ता आधार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अभी अलगाववादियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं है। महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्री से इस संबंध में बातचीत की है। केंद्र ने महबूबा को कानून को अपना काम करने देने की नसीहत दी है।
गिरफ्तार अलगाववादी नईम खान की 19 बड़ी संपत्तियों पर भी एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय की नजर है। शब्बीर शाह के पास पहलगाम में होटल के अलावा दिल्ली में भी फ्लैट है। कश्मीर में भी कई मकान हैं। यासीन मलिक का श्रीनगर लाल चौक में शापिंग कांप्लेक्स है। मीरवाइज के पास राजोरी कदल में शापिंग कांप्लेक्स और लाल बाजार में 21 दुकानें हैं।