नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के बाद से इसके कारोबार में इजाफा दिख रहा है। केंद्र सरकार इसको बढ़ाने के लिए अपनी कोशिश कर रही है। हालांकि डेबिट-क्रेडिट कार्ड से होने वाले भुगतान के प्रतिशत में कमी देखने को मिली है। IMPS में दिखी 86 फीसदी की बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, फंड ट्रांसफर के लिए लोग सबसे ज्यादा भरोसा आईएमपीएस पर करते हैं। इमिडिएट पेमेंट सर्विस के नाम से मश्हूर इस सर्विस में एक साल में 86 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। एक साल की अवधि में करीब 98 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए जिनकी वैल्यू 87106 करोड़ रुपये रही।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, फंड ट्रांसफर के लिए लोग सबसे ज्यादा भरोसा आईएमपीएस पर करते हैं। इमिडिएट पेमेंट सर्विस के नाम से मश्हूर इस सर्विस में एक साल में 86 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। एक साल की अवधि में करीब 98 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए जिनकी वैल्यू 87106 करोड़ रुपये रही।
74 गुणा बढ़े यूपीआई ट्रांजेक्शन
वहीं दूसरे नंबर पर केंद्र सरकार की तरफ से लॉन्च की गई यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (BHIM)ऐप के द्वारा होने वाले ट्रांजेक्शन में 74 गुणा बढ़ोतरी देखी गई। इस सर्विस में लोगों को अपना वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बनाना होता है, जिसके बाद वो फोन नंबर के जरिए बैंक खाते से लिंक हो जाता है। इस तरह के पमेंट करने पर किसी तरह का कोई चार्ज भी नहीं लगता है।