मोहाली। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच में 80 रनों की शानदार पारी खेलकर भले ही भारतीय वनडे टीम के कप्तान एमएस धोनी ने आलोचकों को शांत कर दिया हो। लेकिन, उन्होंने खुद स्वीकार किया कि अब उनकी बैटिंग में पहली जैसी चपलता नहीं है और स्ट्राइक रोटेट करने में उनकी फुर्ती कुछ कम हुई है। धोनी के इस बयान को उनकी बढ़ती उम्र से जोड़कर देखा जा सकता है। 5 मैचों की सीरीज के तीसरे मैच में 91 गेंदों पर 80 रन बनाने वाले धोनी ने कोहली के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 154 रन की बड़ी साझेदारी की। इसके कारण ही भारत ने 286 रन के बड़े टारगेट को आसानी से हासिल कर लिया।

चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘मैंने लंबे समय तक निचले क्रम में बल्लेबाजी की है। करीब 200 पारियां मैंने निचले क्रम में ही खेली हैं। लेकिन, अब मैं महसूस कर रहा हूं कि पिच के बीच दौड़ने की मेरी क्षमता कम हो रही है इसलिए मैंने ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी का फैसला लिया और दूसरे खिलाड़ियों को फिनिशिंग का चांस दिया।’
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धोनी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मुझे बड़े शॉट्स के बारे में सोचना चाहिए। एक बार आप 15 से 20 रन बना लेते हैं तो फिर पकड़ बन जाती है। विराट के साथ बैटिंग के दौरान एक चीज ध्यान में थी कि मुझे बड़े शॉट्स से बचना है क्योंकि हम आसानी से बाउंड्रीज हासिल कर ही लेंगे। इसलिए हमें सिंगल्स और डबल्स की जरूरत थी।’ विराट कोहली ने इस मैच में महज 134 गेंदों में 16 चौकों और 1 छक्के की बदौलत 154 रनों की शानदार पारी खेली।
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वनडे में टीम इंडिया के उपकप्तान विराट की जमकर तारीफ करते हुए धोनी ने कहा, ‘अपनी शुरुआत के दौर से ही वह भारत को मैच जिताने के लिए लगातार सुधार करते रहे हैं। वह ऐसे खिलाड़ी हैं, जिसने बहुत कुछ सीखा है और वह अपनी क्षमता को बखूबी जानते हैं। यह कहना बहुत मुश्किल है कि क्रिकेट में टॉप लेवल क्या है, लेकिन कोहली ने भारत को गर्व के मौके दिए हैं।’
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