कांग्रेस पार्टी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज कर लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया सेना प्रमुख नियुक्त किए जाने के पीछे की परिस्थितियों के बारे में बताने को कहा। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमलोग प्रधानमंत्री से पूछना चाहेंगे कि ऐसे मजबूर करने वाले कौन से कारण थे, क्यों वरिष्ठता क्रम की अनदेखी कर ऐसा किया गया। लगभग दो दशक से चले आ रहे वरिष्ठता के सिद्धांत का सम्मान क्यों नहीं किया गया?”
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उन्होंने पूछा कि क्या जिन अधिकारियों की वरिष्ठता की अनदेखी की गई वे किसी भी मामले में नाकाबिल थे या भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार ने मनमौजी ढंग से चुना है?
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उन्होंने कहा कि यह वरिष्ठों की अनदेखी कर कनिष्ठ को पद देने का न केवल अभूतपूर्व निर्णय है बल्कि यह शायद पहली बार हुआ है कि इसके लिए तीन वरिष्ठ जनरलों को नजरअंदाज कर दिया गया। सरकार ने शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को सेना का और एयर मार्शल बी.एस. धनोआ को भारतीय वायुसेना का नया प्रमुख नियुक्त किया।
लेफ्टिनेंट जनरल रावत की नियुक्ति से ईस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और सदर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम. हारिज की वरिष्ठता की अनदेखी की गई जिन्होंने अधिक वर्षो तक सेना को सेवा दी है।
मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने ऐसा पहली बार नहीं किया है। पूर्णकालिक प्रवर्तन निदेशक को नियुक्त करना या न करना, सीबीआई में तदर्थ नियुक्ति अत्यंत गंभीर मामला है जिन पर सर्वोच्च न्यायालय सवाल उठा चुका है, यह दिखाता है कि इस सरकार में संस्थागत ईमानदारी के प्रति न के बराबर सम्मान है।