नकली शराब का कारोबार करने वाले शातिरों की नजर अब पूर्वांचल के बाद शहर पर है। दिल्ली से ट्रक में शहर लेकर आ रहे केमिकल को एसटीएफ इलाहाबाद व चकेरी पुलिस ने पकड़ा है। नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले रेक्ट्रीफाइड केमिकल की कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है।
एसटीएफ इलाहाबाद ने मुखबिर की सूचना पर नकली शराब बनाने के लिए केमिकल की खेप दिल्ली से आने की सूचना पर चकेरी हाइवे पर सोमवार को घेराबंदी की। एएसपी एसटीएफ इलाहाबाद नवेंदु कुमार, इंस्पेक्टर केशव चंद्र राय व चकेरी इंस्पेक्टर अजय सेठ ने चकेरी पीएसी मोड़ पर केमिकल से लदा ट्रक पकड़ा। साथ ही चालक फिरोजाबाद रानी नगर निवासी गिरेंद्र ¨सह को गिरफ्तार किया। हालांकि उसका साथी छिबरामऊ उन्नाव निवासी कुलदीप ¨सह भाग निकला। ट्रक में पांच हजार लीटर केमिकल था, जिसे गिरेंद्र दिल्ली से लेकर आया था। केमिकल की सप्लाई कुलदीप ने मंगाई थी, जिससे दादानगर में कहीं नकली शराब तैयार की जाती। इससे पहले गिरेंद्र व उसके साथियों ने सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद व आसपास जिलों में सप्लाई करते थे। पकड़े गए पांच हजार लीटर केमिकल से करीब 50 हजार लीटर शराब तैयार हो जाती।
पूर्वांचल के जिलों में गिरोह सक्रिय था। जहां दिल्ली व हरियाणा से ट्रांसपोर्ट के जरिए माल बुक किया जाता था और जिलों में सप्लाई करते थे। शहर में पहली बार माल सप्लाई किया जाना था। इसके लिए दिल्ली से ही गिरेंद्र को कुलदीप का मोबाइल नंबर दिया गया था। फोन से कुलदीप लगातार संपर्क में था और हाइवे से चकेरी क्षेत्र में ट्रक आया था। इस गिरोह के आधा दर्जन सदस्य इससे पहले रायबरेली, इलाहाबाद व सुल्तानपुर में पकड़े जा चुके है। जिनसे करीब डेढ़ करोड़ रुपये का माल पकड़ा गया था।
21 हजार का ड्रम बेचता था 35 हजार में
गिरेंद्र ने बताया कि दिल्ली के एसआर ट्रैवेल्स से एक ड्रम केमिकल 21 हजार रुपये में मिलता है। जिसे वह 35 हजार रुपये में बेचता था। जिससे उसे प्रति ड्रम 14 हजार रुपये बचते थे। वह करीब दो साल से इस गोरखधंधे में जुटा था।
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