ब्राजील में एक चौंकाने और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस देश की कामयाउरा जनजाति के एक परिवार ने जो किया उसके बारे में जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक परिवार ने अपनी नवजात बच्ची को जिंदा दफना दिया। परिवार ने घर के पिछवाड़े गड्ढा खोदकर जिंदा दफन कर दिया लेकिन पुलिस ने सात घंटे बाद उसे निकाला तो वह जीवित ही थी। पुलिस को शंका थी कि परिवार ने बच्ची को मारने की कोशिश की।
मातो ग्रोसो राज्य के झिंगू नेशनल पार्क में ब्राजील की पुलिस ने एक नवजात बच्ची को बचा लिया। अधिकारियों ने कैनाराना शहर में घर के बैकयार्ड में रेत के अंदर धंसी एक नवजात बच्ची को निकाला जिसकी अम्बिलिकल कॉर्ड तब भी जुड़ी हुई थी।
उन्हें बच्ची 50 सेमी गहरे एक गड्ढे में मिली। बच्ची की 57 साल की नानी को गिरफ्तार किया गया है और उस पर हत्या की कोशिश आरोप लगाया गया है।
राज्य अभियोजक पाउलो रॉबर्टो डो प्राडो ने बताया, ‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या यह शिशु की हत्या का प्रयास है या फिर उन्होंने उसे मरा हुआ समझ लिया था।’
कामयाउरा जनजाति के सदस्यों के इस परिवार ने पुलिस को बताया कि 15 साल की लड़की ने इसे जन्म देने के बाद बच्ची का सिर फर्श से टकरा गया था। वे कहते हैं कि उन्हें लगा कि बच्ची की मौत हो गई जब उसमें कोई भी हलचल नहीं दिखी और अपने रीति-रिवाज के अनुसार दफना दिया। लेकिन पुलिस को टीनेजर मां की उम्र को लेकर शंका थी क्योंकि बच्ची के पिता ने उस लड़की और उस बच्ची को पहचानने से इंकार कर दिया था।
बच्ची को बचाने के बाद उसे तुरंत हाइपोथर्मिया और श्वसन संबंधी समस्याओं के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे राज्य सरकार द्वारा देखभाल में लिया गया है। बच्ची की मां और नानी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था लेकिन उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
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