नई दिल्ली : पाकिस्तानी फिल्म एक्सिबिटर्स और सिनेमा मालिक सोमवार से भारतीय फिल्मों पर लगाए गए बैन को खत्म कर सकते हैं। आपको बता दें कि उड़ी आतंकी हमले के बाद से भारत और नवाज शरीफ के रिश्तों तनावपूर्ण बने हुए हैं।
पाकिस्तान ने अपने मुल्क में इसी तनातनी की वजह से भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था। पाकिस्तान में फिल्म एक्सिबिटर्स एसोसिएशन के चेयरमैन जोराएश लाशरी ने पत्रकारों को बताया कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्में 19 दिसंबर से फिर दिखाई जाने लगेंगी। उन्होंने कहा कि नए सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स बनाने में भारी निवेश किया गया है और भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं होने की वजह से बिजनस को काफी नुकसान हो रहा है।
लाशरी ने कहा कि सिनेमा हॉल के मालिकों और एक्सिबिटर्स ने भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग को टेंपररी तौर पर रोका था। इन्हें पूरी तरह से बैन नहीं किया गया था। पाकिस्तान फिल्म एक्सिबिटर्स ऐंड डिस्ट्रिब्यूटर्स असोसिएशन के तहत पाकिस्तान के ज्यादातर सिनेप्लेक्स, मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन थिअटर आते हैं।
आपको बता दें कि उड़ी आतंकी हमले के बाद इंडियन मोशनल पिक्चर्स प्रॉड्यूसर्स एसोसिएशन ने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद ही पाकिस्तान ने भी बदले की भावना से अपने मुल्क में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।
एक सूत्र की मानें तो भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाने के बाद पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि हॉलिवुड फिल्में भी थिअटर फुल कराने में मदद नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी दर्शकों को आमिर खान की दंगल का भी बेसब्री से इंतजार है। एक प्राइवेट मीडिया समूह इस फिल्म को इंपोर्ट कर पाकिस्तान में भी रिलीज कराने के लिए प्रसायरत है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी अपने संपादकीय में साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक द्वंद की वजह से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान—प्रदान पर असर नहीं पड़ना चाहिए। एक प्रमुख सिनेप्लेक्स चेन के मीडिया एवं मार्केटिंग मैनेजर सबीना इस्लम की मानें तो पाकिस्तान में 75 फीसदी रेवन्यू भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग से आत है। पाकिस्तान भारतीय फिल्मों के लिए दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बाजार माना जाता है।