स्मोकिंग यानी धूम्रपान करने से एक नहीं कई तरह की बीमारियां आपके शिकार बना सकती हैं। स्मोक करने की लत एक ऐसी चीज़ है जो सेहत को बुरी तरह क्षति पहुंचा सकती है। कैंसर से लेकर दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, सीओपीडी जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी आपको घेर सकती हैं। यहां तक कि अगर आप ऐसे लोगों के साथ उठते-बैठते हैं, जो स्मोक करते हैं, तो आपको भी स्ट्रोक, लंग कैंसर और दिल की बीमारियां का उतना ही ख़तरा हो जाता है। बच्चों की मौजूदगी में स्मोक करने से बच्चों में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम, तीव्र श्वसन संक्रमण, गंभीर अस्थमा और फेफड़ों की धीमी वृद्धि जैसी ख़तरनाक समस्याएं हो जाती हैं।

जो लोग स्मोक करना शुरू करत हैं उनके लिए इस लत को छोड़ना आसान नहीं होता। ऐसे में आइए जानें कि आयुर्वेद की मदद से कैसे इस लत से पीछा छुड़ाया जा सकता है।
त्रिफला का सेवन करें
अपने सिस्टम में निकोटिन टार के जमाव को ख़त्म करने के लिए रोज़ाना सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला का सेवन करें।
तुलसी के पत्ते खाएं
रोज़ सुबह तुलसी के 2 से 3 पत्ते खाने स्मोकिंग के दुष्परिणामों को कम करता है और इसकी लत को कम करने में भी मदद करता है।
तांबे के बर्तन में रखे पानी का सेवन करें
तांबे के बर्तन का पानी पीने से तंबाकू/सिगरेट की लत को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही तांबे में रखा पानी पीने से शरीर से टॉक्सिन्स भी बाहर निकल जाते हैं।
अजवाइन खाएं
एक चम्मच अजवाइन का सेवन करने से धूम्रपान की लात कम हो जाती है, जिससे निकोटीन का सेवन कम हो जाता है।
जलनेती का अभ्यास करें
पानी को एक नथुने से अंदर लें और दूसरे नथुने से बाहर निकालें। इसके लिए आप खासतौर पर डिज़ाइन किया नेती पॉट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरे नथुने से इस क्रिया को दोहराएं। कहा जाता है कि जल नेति क्रिया नासिका को खोलती है और मुंह से सांस लेने की इच्छा को कम करती है, जिससे धूम्रपान छोड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा यहसाइनस संक्रमण और धूम्रपान के कारण होने वाली एलर्जी की समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है।
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