इंटरव्यू के दौरान नाना पाटेकर ने अपने फिल्मी करियर, बॉक्स ऑफिस गणित और आज के बॉलीवुड सितारों पर बातें की। बॉलीवुड में कुछ स्टार्स होते हैं, कुछ एक्टर्स जो स्टार बनने चाह रखते हैं.. और कुछ सिर्फ कुछ एक्टर होतें हैं। नाना पाटेकर तीसरी लिस्ट में शामिल हैं।
खुलासा जानिए सेक्स में चरम सुख की कुंजी क्या है?
बॉलीवुड में एक से बढ़कर किरदार निभाने वाले यह एक्टर अपने दमदार अभिनय और खासकर डॉयलोग्स की वजह से आज भी घर घर में लोकप्रिय हैं। बता दें, नाना पाटेकर को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल है।
नाना अपने काम से हैं संतुष्ट
हाल ही में नाना पाटेकर की फिल्म वेडिंग एनिवर्सरी रिलीज हुई है। हालांकि फिल्म को खास रिस्पॉस नहीं मिला, लेकिन नाना पाटेकर हमेशा की तरह अपने काम से बेहद संतुष्ट हैं। बहरहाल, फिल्म वेडिंग एनिवर्सरी के प्रमोशन के दौरान फिल्मीबीट ने नाना पाटेकर से कुछ खास बातचीत की। जहां उन्होंने अपनी फिल्म के साथ-साथ.. बॉक्स ऑफिस आंकड़े और बदलते बॉलीवुड ट्रेंड पर बातें की।
जो कुछ गलत है, उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं
करियर से खुश हूं.. मैं खुश हूं.. सुकून ही सुकून है। मैं संतुष्ट हूं.. जहां कुछ गलत है तो उसके लिए मैं खुद ही जिम्मेदार हूं। जो कहानी मुझे लगती है, मैं करता हूं। हिंदी, मराठी या कोई भाषा से फर्क नहीं पड़ता।
बॉलीवुड को घिसी पीटी प्रेम कहानियों को बंद करने का दिया टिप्स
घिसी पिटी प्रेम कहानियों को अब बंद कर देना चाहिए। वही नाच, गाना.. लोग इससे तंग आ चुके हैं। आजकल तो हफ्ते में स्टार्स बदलते हैं। पहले ऐसा नहीं था, दिलीप कुमार हों या अमिताभ बच्चन सालों तक स्टार रहे हैं। खैर, उस वक्त सब सीमित था। लेकिन काम के प्रति काफी लगन था। लोग एक दूसरे को नीचा नहीं दिखाते थे। आज के कंपिटिशन को देखते हुए थोड़ी तकलीफ होती है।
दंगल, जॉली एलएलबी आई पसंद
दंगल, जॉली एलएलबी 2 आई पसंद मैंने हाल ही में दंगल देखी, काफी बेहतरीन फिल्म थी। मुझे लगता है इस फिल्म के जरीए आमिर खान ने मुझे कुछ सिखाया है। एक कलाकार होने के नाते मैंने काफी कुछ सीखा। वहीं, अक्षय की हाल में रिलीज फिल्म जॉली एलएलबी 2 भी मुझे काफी पसंद आई। मुझे लगता है सिनेमा एक ऐसा माध्यम हैं, जिससे हम बहुत कुछ कह सकते हैं।
पैसे के साथ मनोरंजन होता है तो सही
बॉक्स ऑफिस क्लब कितने सही! 100 करोड़, 200 करोड़ क्लब में परेशानी क्या है? पैसे कमाना कुछ बुरा तो नहीं है। पैसे बनाने के साथ मनोरंजन होता है, तो सही है।
सिर्फ अच्छा काम रखता है मायने
बॉलीवुड में सिर्फ अच्छा काम मायने रखता है मुझे लगता है आप यहां काम कैसा करते है, सब उसपर निर्भर करता है। खुद ही चिल्लाकर की मैं किंग हूं, मैं बादशाह हूं.. उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आज के दर्शकों को कुछ पसंद नहीं आता, तो तुरंत उजागर कर देते हैं। सलमान हो या शाहरूख, अजय हो या अक्षय.. कोई फर्क नहीं पड़ता। जो अच्छा है, लोग वही देखते हैं।
कॉमेडी नहीं आता रास
कॉमेडी में लोगों ने पसंद किया है.. फिर भी कम फिल्में क्यों! मैं उन कहानियों में सेट नहीं हो पाता। मुझे नहीं लगता, मैं अपना समय वहां लगाऊं। हालांकि कॉमेडी करना काफी चैंलेजिंग है, लेकिन सच कहूं तो मुझे रास नहीं आता।