कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच में बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की लगातार सप्लाई के बीच में भी प्रदेश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की समस्या पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा निर्णय लिया है। मेडिकल ऑक्सीजन की कालाबाजारी तथा जमाखोरी के बढ़ते मामले देख मुख्यमंत्री ने अब ऑक्सीजन के उपयोग का ऑडिट कराने का फैसला लिया है। इसकी कमान अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच में भी डटे रहने के कारण उत्तर प्रदेश में जरूरी संसाधन मिल रहे हैं। इसके बाद भी जमाखोरी और कालाबाजारी के कारण जरूरतमंदों पर मेडिकल ऑक्सीजन तथा जरूरी दवा पहुंच नहीं पा रही है। प्रदेश के बड़े निजी अस्पतालों में पर्याप्त आपूर्ति के बाद भी मेडिकल ऑक्सीजन की कमी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद सख्त हैं। उन्होंने अब आइआइटी कानपुर, आइआइएम लखनऊ तथा आइआइटी बीएचयू से बड़े निजी अस्पतालों का ऑडिट कराने का फैसला किया है। इन सभी बड़े निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का ऑडिट होगा। इन सभी अस्पतालों मे मेडिकल ऑक्सीजन के ऑडिट की मॉनिटरिंग अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी करेंगे। प्रदेश सरकार अब कालाबाजारी व जमाखोरी को बेहद सख्त हो गई है।
कंट्रोल रूम से आक्सीजन सप्लाई पर नियंत्रण: उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए विशेष कंट्रोल रूम वजूद में आ गया है। गृह विभाग में बने कंट्रोल रूम के जरिए पूरे प्रदेश की ऑक्सीजन सपलई की नब्ज पर नजर रखी जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन सप्लाई के बेहतर प्रबंधन के लिए शुक्रवार को ही डिजिटल प्लेटफार्म ‘ऑक्सीजन मानिटरिंग सिस्टम फार यूपी’ का शुभारंभ किया था। यह व्यवस्था लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को कोविड से बचाव के संबंध में भारत सरकार के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश में शुरू की गई आनलाइन ऑक्सीजन मानीटरिंग व्यवस्था की विस्तार से जानकारी दी।
अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में यह नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है। बिहार, पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों ने भी इस नई व्यवस्था में गहरी रूचि दिखाई है। अवस्थी का कहना है कि इस प्रणाली को अन्य राज्यों के भी अपनाने की दशा में ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति को लेकर राज्यों के बीच समन्वय बढ़ेगा। गृह विभाग में ऑक्सीजन की मानिटरिंग के लिए विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस कार्य में गृह विभाग को खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा परिवहन विभाग का भी सहयोग मिल रहा है। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था का उत्तरदायित्व रोडिक कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा है। कंपनी के प्रतिनिधि भी लगातार क्रियाशील है। ऑक्सीजन सप्लाई में लगे टैंकर की आनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था इस पोर्टल के माध्यम से लगातार की जा रही है। इसके साथ ही जरूरत के अनुसार निकटस्थ ऑक्सीजन वाहन को संबंधित अस्पताल में सप्लाई के लिए भेजा जा रहा है।