नैस्कॉम की इन्क्यूबेटेड कंपनी टॉर्चिट लाइट ने कोरोना को मात देने के लिए बनाए कई उपकरण

देशभर में कोरोना को लेकर लगातार शोध जारी है। वैज्ञानिक अपने-अपने स्तर पर कोरोना के लिए दवाओं और वैक्सीन का निर्माण कर रहे हैं। इसी क्रम में नैस्कॉम की इन्क्यूबेटेड कंपनी टॉर्चिट लाइट ने कोरोना को मात देने के लिए कई उपकरण बनाए हैं।

ऑटोमेटेड सेनिटाइजेशन चैंबर

इस सेनिटाइजेशन चैंबर के माध्यम से अस्पताल, डिपॉर्टमेंटल स्टोर, अपॉर्टमेंट और किसी सार्वजनिक जगह को संक्रमणमुक्त किया जा सकता है। टॉर्चिंट लाइट के मोहित चेलानी ने बताया कि किसी भी जगह प्रवेश करने से पहले व्यक्ति को सुरंग से गुजरना पड़ता है। उस सुरंग में व्यक्ति के शरीर और कपड़ों पर डिस्फेंक्टेंट मिस्ट को स्प्रे किया जाता है। इससे व्यक्ति के कपड़े और शरीर की ऊपरी सतह संक्रमण मुक्त हो जाती है। इससे उस व्यक्ति की किसी को संक्रमित करने की क्षमता काफी कम हो जाती है। मोहित ने बताया कि इसी तर्ज पर हमने सेनिटाइजेशन डोर भी बनाया है, जिसे कोई भी किसी बिल्डिंग, सार्वजनिक जगहों और अस्पतालों के प्रवेश और निकास द्वार पर लगा सकता है।

एडवांस सेनिटाइजेशन चैंबर और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 

मोहित ने बताया कि इन सेनिटाइजेशन चैंबर का प्रयोग बड़े दफ्तरों और बड़े लोगों के एकत्र होने वाली जगहों पर किया जा सकता है। यह किसी व्यक्ति की एंड-टू-एंड स्क्रीनिंग करने में सहायक है। यह पहले चरण में किसी व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग करता है। दूसरे चरण में यह मास्क की पहचान करता है। और तीसरे चरण में यह पूरे शरीर, गारमेंट्स और एसेसरीज का सेनिटाइजेशन करता है। इसका इस्तेमाल भारतीय रेलवे, एयरपोर्ट, बस अड्डों, रेजिडेंशियल कॉम्पलेक्स और अन्य बड़ी जगहों पर किया जा सकता है। इसका बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी व्यक्ति की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस काम को ऑटोमेशन, आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के माध्यम से किया जा सकता है। हमने इस डिवाइस को आईसीएमआर, डब्ल्यूएचओ, एमएचए और सीडीसी के नियमों और मानकों को ध्यान में रखकर बनाया है।

मास सेनिटाइजिंग सॉल्यूशन

मास सेनिटाइजिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल सरकारी संस्थानों और बड़ी जगहों पर अपने कैंपस को सेनिटाइज करने के लिए किया जा सकता है। टॉर्चिंट लाइट के मोहित चेलानी ने बताया कि कोरोना देश-दुनिया में सतह से होने वाले संक्रमण से भी तेजी से फैल रहा है। इसके प्रमुख कारक गाड़ियां, सड़कें, लेन आदि हैं। चीन, साउथ कोरिया और ताइवान ने सड़कों, गाड़ियों और बिल्डि़ंगों को सेनिटाइज करने के लिए सघन अभियान चलाया था, ताकि कोरोना से होने वाले संक्रमण को खत्म किया जा सके। मोहित ने कहा कि चूंकि भारत में कई वाहन रेड और ओरेंज जोन से गुजरकर अन्य जोन में जाते हैं, ऐसे में यह काफी जरूरी हो जाता है। ऐसे में मास सेनिटाइजेशन सॉल्यूशन की सहायता से सतह को पूर्णत: सेनिटाइज किया जा सकता है। यहां एक ऑटोमेटेड सेटअप का निर्माण किया जा सकता है। उस सेटअप से गुजरने पर वाहन पूरी तरह सेनिटाइज हो जाए।

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