लखनऊ: गोरखपुर के रहने वाले दो जालसाजों ने खुद को पीसीएस अधिकारी बनाकर 11 युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर 42 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। यहां तक कि आरोपियों ने उनको फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। ठगी का पता चलने पर जब पीडि़तों ने आरोपियों से अपने रुपये मांगे तो उन लोगों ने धमकी भी दी। इस संबंध में गोमतीनगर थाने में दो जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।
गोमतीनगर के सुलभ आवास सेक्टर-6 में शैलेन्द्र पाण्डेय अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका प्रतापगढ़ जनपद में एक कालेज भी है। शैलेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि वर्ष 2015 में प्रेस क्लब में उनकी मुलाकात सुरेन्द्र सिंह और सत्येन्द्र सिंह नाम के दो लोगों से हुई। दोनों ने खुद को पीसीएस अधिकारी बताते हुए देवरिया और पडरौना में तैनाती की बात बतायी और खुद को गोरखपुर जनपद का रहने वाला बताया। उन दोनों ने शैलेन्द्र को बताया कि वह लोग किसी भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं। शैलेन्द्र ने दोनों को अपने कालेज के बारे में बताया। दोनों कथित पीसीएस अधिकारियों ने शैलेन्द्र को बताया कि वह लोग उनके कालेज के बच्चों की अच्छी जगह पर नौकरी लगवा देंगे।
दोनों की बातों में आकर शैलेन्द्र पाण्डेय ने कालेज के कुछ बच्चों को इस बारे में बताया। छात्र भी नौकरी की चाह में सारी बातों पर राजी हो गये। इसके बाद शैलेन्द्र ने 11 छात्रों को गोमतीनगर स्थित अपने आवास बुलाया। दोनों जालसाजों ने प्रति छात्र 10 लाख रुपये की मांग की। दोनों ने कुछ रुपये एडवांस में मांगे और बाकी रुपये नौकरी मिल जाने के बाद देने के लिए कहा। इसके बाद शैलेन्द्र के कालेज में पढऩे वाले करीब 11 छात्रों ने दोनों जालसाजों को अपनी-अपनी नौकरी के लिए 42 लाख रुपये दिये। रुपये लेने के बाद दोनों ने दो दिन के बाद नियुक्ति पत्र देने की बात कही।
दो दिन गुजरने के बाद जालसाजों ने छात्रों को नियुक्ति पत्र भी दे दिया। इसके बाद जब छात्रों ने नियुक्ति पत्र की छानबीन करायी तो पता चला कि सारे नियुक्ति पत्र फजी हैं। इसके बाद शैलेन्द्र पाण्डेय ने दोनों जालसाजों से छात्रों के रुपये वापस मांगे तो दोनों जालसाजों ने इधर-उधर की बात कहते हुए दो साल तक टकराये रखा। बीते 22 मार्च को दोनों ने शैलेन्द्र को रुपये के संबंध में बातचीत करने के लिए गोरखपुर बुलाया। शैलेन्द्र जब गोरखपुर पहुंचे तो दोनों आरोपियों ने शैलेन्द्र को जान से मारने की धमकी दी और रुपये वापस करने से इंकार कर दिया। इसके बाद शैलेन्द्र पाण्डेय ने इस संबंध में गोमतीनगर थाने में दोनों जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की रिपोर्ट दर्ज करायी।