क्षेत्र से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम के समर्थन में सिरसा गए धिमरी ब्लाक के चंद्रपाल की 25 अगस्त को पंचकूला में हुए उपद्रव के दौरान गोली लगने से मौत हो गई।Big News: पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर यहां से करेंगे चुनाव प्रचार की शुरूआत!
इस सूचना पर पंचकूला पहुंची दिनेशपुर पुलिस और ग्रामीण वहां से शव लेकर दिनेशपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। शव के सुबह तक यहां पहुंचने की संभावना है। उधर, दूसरे युवक लेखराज का इलाज चंडीगढ़ के पीजीआई में चल रहा है। उसकी हालत में अब सुधार बताया जा रहा है।
डेरे के बुलावे पर दिनेशपुर के जंगल से सटे गांव से करीब 18 अनुयायी सिरसा गए थे। इनमें से अधिकतर अनुयायी घर लौट आए थे, मगर गांव के लेखराज पुत्र सोमनथ और चंद्रपाल पुत्र स्व. हंसराज नहीं लौटे। एक अनुयायी ने बताया था कि दोनों को 25 अगस्त को पंचकूला कोर्ट के बाहर हुए उपद्रव के दौरान गोली लगी थी।
लेखराज से परिजनों का संपर्क फोन से हो गया था। उसके कंधे में गोली लगी थी और वह चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती है। सूचना पर एसआई हरीश चंदोला के नेतृत्व में दो कांस्टेबल और प्रधान पति दो अन्य ग्रामीणों के साथ रविवार को चंडीगढ़ रवाना हो गए थे। सोमवार की सुबह एसआई चंदोला ने फोन पर चंद्रपाल की गोली लगने से मौत हो जाने की पुष्टि की।
चंद्रपाल के गांव में पसरा सन्नाटा
आज सुबह जब चंद्रपाल के मौत की खबर की पुष्टि हुई तो गांव में मातम छा गया और परिजनों में हाहाकार मच गया। 25 वर्षीय चंद्रपाल की मां मीराबाई, पत्नी सुनीता, 6 साल का बेटा उपकार और 4 साल का दीपक का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव की महिलाएं परिजनों को दिलासा दे रही हैं। चंद्रपाल दो भाइयों में छोटा था। बड़ा भाई 35 वर्षीय सिमरपाल है। सभी को शव आने का इंतजार है।
धिमरी में कई परिवार हैं डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी
धिमरी ब्लाक में रहने वाले अधिकतर परिवार मुल्तानी राजपूत हैं। ये मूलरूप से राजस्थान और मध्यप्रदेश के निवासी हैं। ये लोग वर्षों पहले यहां आकर बस गए थे। इन परिवारों में कई परिवार डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हैं।
चंद्रपाल और लेखराज के साथ हुई घटना के बाद गांव में सन्नाटा है और कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार संजय नाम के एक युवक ने दोनों को गोली लगते प्रत्यक्ष रूप से देखा था, जिसके बाद ही दोनों के साथ घटी घटना के बारे में जानकारी मिली।