39 वर्षीय कोल्ही बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य हैं। वह सिंध प्रांत के नागरपारकर जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके की रहने वाली हैं।
संघीय और प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा 3 मार्च को चुने गए सीनेटरों को पीठासीन अधिकारी सरदार याकूब खान नासर ने सोमवार को शपथ ग्रहण कराया। कोल्ही सिंध प्रांत के अल्पसंख्यक सीट से सीनेटर चुनी गई हैं। संसद भवन में वह अपने परिवार के साथ पारंपरिक थारी पहनावे में पहुंची। थारी, सिंध प्रांत के थारपारकर जिले का एक खास पहनावा है। उनका चुना जाना पाकिस्तान में महिला और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए एक मील का पत्थर है।
एक गरीब किसान जुगनू कोलही के घर वर्ष 1979 में जन्मीं कृष्णा कुमारी कोल्ही और उनके परिवार के सदस्यों ने करीब तीन साल उमेरकोट जिले के कुनरी के एक जमींदार की जेल में बिताये थे।
कृष्णा की 16 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। उस समय वह नौंवी कक्षा की छात्रा थी। हालांकि शादी के बाद भी कृष्णा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और साल 2013 में उन्होंने सिंध विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। वह अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी में शामिल हुई थीं।