अमेरिकी सहायता रोके जाने के बाद पाकिस्तान अब चीन से मदद की आस लगा रहा है लेकिन ट्रंप प्रशासन की नई रणनीति से उसकी इस उम्मीद को भी करारा झटका लग सकता है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को जमींदोज करने के लिए अमेरिका चीन को भी अपने साथ लेने की तैयारी में है। अमेरिका और यूरोप के बाद एशिया में बर्फीले तूफान ने मचाया हाहाकार…
अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मसले पर चीन अमेरिका की कुछ चिंताओं को साझा करता है। अमेरिका अब चीन और दूसरी क्षेत्रीय शक्तियों के साथ इस्लामाबाद को इस बात के लिए राजी करेगा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने की आवश्यकता है।
अधिकारी के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन पाक में मौजूद सुरक्षित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने को लेकर काफी सख्त है, क्योंकि वह मानता है कि अफगानिस्तान और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ऐसा किया जाना बेहद जरूरी है।
अधिकारी ने उम्मीद जताई कि चीन संभावित पहलकदमी के मद्देनजर पाकिस्तान को इस बात के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभा सकता है कि आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करना उसके हित में है। अधिकारी ने चीन-पाक आर्थिक गलियारे की जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ता मजबूत हो रहा है। अमेरिका दूसरी क्षेत्रीय शक्तियों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। इस मसले पर चीन काफी अहम होगा।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों को संरक्षण देने की वजह से अमेरिका ने पाकिस्तान पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए उसे आर्थिक मदद देनी बंद कर दी है। इससे पाकिस्तान भारी दबाव में है और चीन की ओर आशा भरी नजरों से देख रहा है।
पाक में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने चीन के भी हित में नहीं
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकाने चीन के हित में भी नहीं है। इसलिए मैं इस बात को खारिज करता हूं कि आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए पाक को मनाने में चीन सहायता नहीं करेगा।