अपने साउथ एशियाई दौरे में मंगलवार को पाकिस्तान को नसीहत देने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन बुधवार को भारत पहुंचे। टिलरसन ने भारत पहुंचने के बाद गांधी स्मृति पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
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दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे के बाद से हमारे रक्षा और रणनीतिक रिश्ते और गहरे हुए हैं।
हाल ही में अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमले इस बात का सबूत हैं कि आतंक को पनाह देने वाले और आतंक के समर्थक सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। पाकिस्तान को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सुषमा स्वराज ने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आतंक के खिलाफ पॉलिसी तभी कामयाब हो पाएगी जब पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान की त्रिपक्षीय वार्ता दिसंबर में होनी है।
आतंकियों की पनाहगाहों को बख्शा नहीं जाए
वीजा मुद्दे पर सुषमा स्वराज ने कहा कि हमने अमेरिका में भारतीयों के योगदान और H1B वीजा को लेकर भी चर्चा की। वहीं रॉक्स टिलरसन ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका आतंक के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़े हैं।
अमेरिका की अफगानिस्तान में रणनीति का भारत अहम हिस्सा है और वो इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि आतंकियों की पनाहगाहों को बख्शा नहीं जाएगा। टिलरसन ने कहा कि पाक पहुंचने पर उन्होंने पाक नेताओं को इस बात की जानकारी दे दी थी कि हमारी उनसे क्या अपेक्षाएं हैं।
टिलरसन ने ये भी कहा कि हम पाकिस्तान के साथ सकारात्मक रवैये के साथ काम करना चाहते हैं, हमें लगता है ये उनके फायदे का सौदा है।
इससे पहले पाकिस्तान पहुंचने पर टिलरसन ने अपना तल्ख रवैया बरकरार रखा था। उन्होंने पाक को उसी की जमीन पर नसीहत और चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपनी धरती पर सिर उठा रहे आतंकवाद का जड़ से खात्मा करे।
टिलरसन ने पाक से ये भी अपील की कि वो अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में मदद करे।
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