कराची: हॉकी में अपना अलग रुतबा रखने वाली पाकिस्तान हॉकी टीम पिछले कुछ समय से संकट में हैं। पैसे की तंगी के कारण पाकिस्तान की टीम पिछले साल हुए हॉकी विश्व कप में बहुत ही मुश्किल से भाग ले सकी थी। अब एक बार फिर वह मुसीबत में है क्योंकि टीम के अगले साल होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने की संभावना लगभग समाप्त हो गयई है।

इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ एफआईएच ने उसे अगले महीने होने वाले प्री क्वालीफाईंग टूर्नामेंट में शामिल नहीं किया है। फ्रांस में होने वाले इस टूर्नामेंट में आयरलैंड, मिस्र, स्कॉटलैंड, सिंगापुर, फ्रांस, दक्षिण कोरिया,यूक्रेन और चिली भाग लेंगें लेकिन पाकिस्तान इसमें नहीं होगा। पाकिस्तान हाकी महासंघ के नये महासचिव आसिफ बाजवा ने इसे पाकिस्तान के लिये बहुत बड़ा झटका करार दिया।
उन्होंने कहा एफआईएच ने यह फैसला इसलिए किया क्योंकि हमने फरवरी अप्रैल में एफआईएच प्रो हाकी लीग के लिए अपनी टीम नहीं भेजी थी। पीएचएफ पहले से ही घोर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उसे प्रो हॉकी लीग के मैचों में भाग न लेने के लिए पहले ही 170000 यूरो का जुर्माना लगाया जा चुका है। हॉकी पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल हैं और हाल के कुछ सालों में कुप्रबंधन के कारण उसके सामने घोर आर्थिक संकट आ गया है।
पाकिस्तान के पास अभी केवल सात लाख 65 हजार रूपये हैं जबकि उसे 4.5 करोड़ रुपये को जुर्माना देना है। प्रो हॉकी लीग में नौ टीमें हिस्सा ले रही हैं यह टूर्नामेंट जनवरी में शुरू हुआ था और जून में खत्म होगा। पाकिस्तान हॉकी टीम चार बार विश्व कप जीत चुकी है।
वह तीन बार चैंपियन्स ट्रॉफी, ओलंपिक गोल्ड मेडल, सुल्तान अजलान शाह कप, एशिया कप, एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी भी जीत चुकी है। इसके अलावा उसने सबसे ज्यादा 8 बार एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता है। 1970 और 1980 के शुरुआत का दौर पाकिस्तान हॉकी का स्वर्णिम दौर रहा था।
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