पाकिस्तान में जल संकट की समस्या ने प्रधानमंत्री इमरान खान को दूसरे देशों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों से मदद मांगने के लिए मजबूर कर दिया है। शुक्रवार को पीएम खान ने पानी की समस्या को देश का सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए दुनिया के दूसरे देशों में रह रहे पाकिस्तानी मूल के नागरिकों से मदद की गुहार लगाई है।
राष्ट्र के नाम संबोधन में मदद की गुहार
राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम इमरान खान ने कहा कि पानी की समस्या का सामना कर रहे देश को निजात दिलाने के लिए बांध बनवाने की योजना है और इसके लिए मदद चाहिए। उन्होंने वादा किया कि पैसों का दुरुपयोग नहीं होगा। फिलहाल पाकिस्तान के पास मात्र 30 दिनों के इस्तेमाल के लिए पानी है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो सप्ताह से सत्ता संभालने के बाद वह देश की समस्याओं और योजनाओं पर लगातार प्रेजेंटेशन ले रहे हैं।
मिस्र के भी ऐसे ही थे हालात: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री इमरान ने बांध बनवाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाते हुए मिस्र का जिक्र किया और कहा कि उस देश के पास भी बांध बनवाने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उसने लोगों से पैसा इकट्ठा किया और बांध बनवाया। इमरान ने लोगों से इस बात का भी वादा किया कि बांध के निर्माण के लिए भेजे गए पैसे का इस्तेमाल सिर्फ इसी काम के लिए किया जाएगा। उनके पैसे का कोई दुरुपयोग नहीं होगा।
मात्र 30 दिनों का है पानी
पानी की कमी दूर करने के लिए बांध की जरूरत की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में पानी की समस्या विकराल हो गई है। आज हमारे देश में पानी की स्टोरेज क्षमता महज 30 दिन की ही है जबकि हिंदुस्तान में 190 दिनों की है।
चीफ जस्टिस की पहल काबिले तारीफ
करीब 8 मिनट के अपने संबोधन में इमरान ने कहा, ‘यह स्थिति अचानक पैदा नहीं हुई। पिछले 30 सालों में स्थिति बेहद खराब हुई है, पहले के नेताओं को इस पर सोचना चाहिए था। चीफ जस्टिस साकिब निसार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मामले पर चीफ जस्टिस की पहल काबिले-तारीफ है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के लिए बांध बनवाना जरूरी है, अगर हमने बांध नहीं बनवाए तो 7 सालों में स्थिति बेहद भयावह हो जाएगी।
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