पितृ अमावस्या पर कोरोना से बेख़ौफ़ यात्रियों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर कराया अपने पितरों के निमित्त तर्पण

कोरोनाकाल के अनलॉक-4 में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए हरकी पैड़ी पर यात्रियों के स्नान पर प्रतिबंध की चर्चाओं के बीच पितृ अमावस्या पर कोरोना से बेख़ौफ़ यात्रियों ने ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर अपने पितरों के निमित्त तर्पण कराया। हरकी पैड़ी पर किसी भी तरह की रोक टोक यात्रियों के लिए नही थी।

पितृ मोक्ष अमावस्या पर तर्पण के साथ पितरों की विदाई की गई। श्राद्ध पक्ष का समापन होने के चलते इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन उन मृत लोगों के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण कर्म किए जाते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं होती है। साथ ही, अगर किसी कारण से मृत सदस्य का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो अमावस्या पर श्राद्ध कर्म किए जा सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शास्त्री ने बताया कि पितृ मोक्ष अमावस्या पर सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों के पिंडदान आदि शुभ कर्म करना चाहिए। मान्यता है कि पितृ पक्ष में सभी पित्र देवता धरती पर अपने कुल के घरों में आते हैं और धूप-ध्यान, तर्पण आदि ग्रहण करते हैं। अमावस्या पर सभी पित्र अपने लोक लौट गए।

वहीं, पितृ अमावस्या पर हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान शुरू हो गया था। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर स्नान, दान के साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान सहित तिलांजलि ओर जलांजलि अर्पित कर विदाई दी।

आज श्राद्ध करने से सभी पूर्वजों की आत्मा होती है प्रसन्न

श्राद्ध पक्ष का आज अंतिम दिन है। अगर कोई श्राद्ध पक्ष की संपूर्ण तिथियों पर श्राद्ध करने में सक्षम न हो या किसी कारणवश पितरों का श्राद्ध न कर सका हो तो वह इस दिन श्राद्ध कर सकता है। इस तिथि को किया गया श्राद्ध परिवार के सभी पूर्वजों की आत्मा को प्रसन्न करने के लिए पर्याप्त होता है। इसीलिए इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आइडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्ड़ियाल ने बताया कि सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या को आश्विन अमावस्या, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन उनका श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या, पूर्णिमा या चतुर्दशी तिथि को हुई हो। जिन पूर्वजों की पुण्यतिथि ज्ञात नहीं है, उनका श्राद्ध भी आज किया जा सकता है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com