प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच हुई पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता को बेहद उपयोगी बताया है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते सामरिक संबंधों का संकेत है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच शनिवार को टू प्लस टू वार्ता हुई। इसका बातचीत का मकसद दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना था। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आस्ट्रेलियाई समकक्षों मारिस पायने और पीटर डटन के साथ वार्ता की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मंत्रियों मैरिस पायने और पीटर डटन एमपी से मिलकर खुशी हुई। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहली मंत्रिस्तरीय टू प्लूस टू वार्ता बहुत उपयोगी रही। मैं अपने मित्र स्काट मारिसन एमपी को हमारे राष्ट्रों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए धन्यवाद देता हूं।’ इस बातचीत के लिए भारत आए आस्ट्रेलियाई मंत्रियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की।
भारतऔर आस्ट्रेलिया के बीच हुई वार्ता को विदेश मंत्री जयशंकर ने सार्थक बताया। उन्होंने वार्ता के दौरान कहा कि हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर मिल रहे हैं, जब एक महामारी के साथ-साथ हम एक ऐसे भू-राजनीतिक माहौल का सामना कर रहे हैं जिसमें तेजी से उथल-पुथल हो रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का बेहद चुनिंदा देशों के साथ वार्ता के लिये टू प्लस टू प्रारूप है।
Was happy to meet Ministers @MarisePayne and @PeterDutton_MP. The 1st Ministerial 2+2 Dialogue between India and Australia was very productive. I thank my friend @ScottMorrisonMP for his focus on the Comprehensive Strategic Partnership between our nations. pic.twitter.com/mewWFcqoUj
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2021
विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता ऐसे समय हो रही है जब क्वाड समूह के सदस्य देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं। इस समूह में भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका और जापान भी हैं। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने कहा कि क्वाड तेजी से और बहुत प्रभावी रूप से उभरा है और आस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है।