वाराणसी. वर्ष 2014 संसदीय चुनाव से नरेन्द्र मोदी की जो लहर चली थी वह आज भी बरकरार है। बीजेपी को पीएम मोदी की लहर का सबसे बड़ा फायदा मिल रहा है और पार्टी ने उन राज्यों में भी चुनाव जीता है, जहां पर चुनाव जीतने की कल्पना किसे ने नहीं की थी। विजय रथ पर सवार बीजेपी को दो बड़े झटके लगे थे।अभी-अभी: बाबा रामदेव ने सोनाक्षी सिन्हा के साथ किया कुछ ऐसा….तेजी से तस्वीरें हुई वायरल…
देश के दो ऐसे नेता भी है, जिन्होंने बीजेपी को विजयी रथ को रोक कर बड़ा झटका दिया था। यदि वर्ष 2019 में होने वाले संसदीय चुनाव में यह दो बड़े नेता एक साथ आ जाते हैं तो बीजेपी के लिए सबसे तगड़ा झटका होगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति भी फेल हो सकती है।
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वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव के बाद देश में जो माहौल बना है, उसे देख कर नहीं लगता था कि बीजेपी को किसी राज्य में हार मिलेगी। वर्ष 2015 में बिहार में हुए चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। यह वही बिहार था जहां पर वर्ष 2014 में बीजेपी के 32 सांसद जीते थे, लेकिन सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बने महागठबंधन के आगे पीएम मोदी की लहर फेल हो गयी थी। उसी समय से नीतीश कुमार का नाम संभावित पीएम की सूची में शामिल हो गया था।
लगा दी सारी ताकत फिर भी नहीं मिली जीत
पीएम मोदी से लेकर अमित शाह ने पश्चिम बंगाल चुनाव जीतने के लिए सारी ताकत लगा दी थी, लेकिन ममता बनर्जी की ताकत के आगे बीजेपी की एक नहीं चली और विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अभी पश्चिम बंगाल में नगर निगम चुनाव हुए हैं वहां भी बीजेपी को खास फायदा नहीं हुआ है। इससे साबित हो गया है कि पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी की नहीं ममता बनर्जी की लहर चलती है।
इन नेताओं ने भी रोका है बीजेपी का विजयी रथ
दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को सबसे तगड़ा झटका दिया था और तमिलनाडु में जयललिता ने बीजेपी को चुनाव हराया था। जयललिता अब इस दुनिया में नहीं है और अरविंद केजरीवाल संभावित महागठबंधन में शामिल होते है या नहीं। इस पर किसी तरह का निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन नीतीश व ममता बनर्जी का महागठबंधन में शामिल होना लगभग तय है।
महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं यह नेता
महागठबंधन बनाने की कवायदा तेज हो गयी है। अभी तक महागठबंधन में कांग्रेस, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पूर्व सीएम लालू यादव, सीएम ममता बनर्जी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, पूर्व सीएम मायावती के शामिल होने की संभावना है। बीजेपी इस बात को जानती है इसलिए वह महागठबंधन को रोकाने के लिए सभी तरह की रणनीति बनाने में जुटी है।