पूर्व और उत्तर पूर्व को छोड़ पूरे देश में इस वर्ष मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बुधवार को जारी पूर्वानुमान में कहा है कि पूर्व और उत्तर पूर्व में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इस घोषणा के साथ मौसम विभाग ने अपने दूसरे स्तर के पूर्वानुमान में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी को बरकरार रखा है।
मध्य-पश्चिम भारत में आठ से 15 दिनों में मानसून पहुंच सकता है। देश के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। पूरे देश में जुलाई के दौरान लांग पीरियड एवरेज (एलएपी) का 101 फीसद और अगस्त में 94 फीसद बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा है पूर्वानुमान से नौ फीसद अधिक या कम वर्षा होने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि एलएपी के 90 से 96 फीसद के बीच वर्षा को सामान्य से कम और एलएपी के 96 से 104 फीसद वर्षा को सामान्य माना जाता है। इसी तरह एलएपी के 90 फीसद से कम वर्षा को अपर्याप्त और एलएपी के 104 से 110 के बीच वर्षा को सामान्य से अधिक माना जाता है। एलएपी के 110 फीसद से ज्यादा बारिश को अत्यधिक माना जाता है।
मौसम विभाग ने कहा है कि 2018 के दक्षिण पश्चिम मानसून सत्र (जून से सितंबर) के लिए पूरे देश में वर्षा सामान्य (एलपीए का 96 से 104 फीसद) रहने का अनुमान है। मानसून सत्र (जून से सितंबर) में पूरे देश में एलपीए का 97 फीसद बारिश होने का अनुमान है। इसमें चार फीसद कम या ज्यादा वर्षा हो सकती है।
मानसून की प्रगति के बारे में विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों की तरफ इसके आगे बढ़ने की अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। अनुमान है कि तीन जून के आसपास दक्षिण पश्चिम मानसून के दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ और हिस्सों की ओर आगे बढ़ने की परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं। छह जून से महाराष्ट्र के हिस्से और गोवा में मानसून और सक्रिय हो सकता है।
किस इलाके में कितनी फीसद वर्षा होगी
क्षेत्र बारिश
उत्तर-पश्चिम 100
मध्य भारत 99
दक्षिणी प्रायद्वीप 95
उत्तर-पूर्व 93
तमिलनाडु की तरफ बढ़ा मानसून
दो दिनों में कर्नाटक को कवर करने के बाद मानसून अब तमिलनाडु की तरफ बढ़ गया है। दोनों राज्यों के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है। कर्नाटक के मंगलुरु में बुधवार को जनजीवन पटरी पर लौटने लगा। एक दिन पहले मंगलवार को दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में भारी बारिश के कारण पांच लोगों की जान गई और कई इलाके डूब गए।