ED ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर जांच शुरू कर दी है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पेटीएम के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की है और उनसे दस्तावेज जमा किए हैं।
दरअसल, 31 जनवरी 2024 को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को बैन करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा आरबीआई ने ग्राहक खाते में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोकने का भी निर्देश दिया था।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत फिनटेक कंपनी में आरबीआई द्वारा चिह्नित कथित अनियमितताओं की औपचारिक जांच शुरू करने का निर्णय लेने से पहले दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच कर रही है।
पेटीएम के अधिकारियों ने हाल ही में कुछ दस्तावेज जमा किए हैं जिसके बाद उनसे कुछ सवाल पूछे गए। सूत्रों ने बताया कि कुछ और जानकारी मांगी गई है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई अनियमितता नहीं पाई गई है और फेमा के तहत मामला तभी दर्ज किया जाएगा जब उक्त कानून के तहत कोई उल्लंघन पाया जाएगा।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत पेटीएम से जुड़ी जांच पहले से ही कुछ समय से चल रही है।
ईडी जांच पर पेटीएम की प्रतिक्रिया
बीते दिन वन97 कम्युनिकेशंस ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को संबंधित संस्थाओं के ग्राहकों के संबंध में जानकारी के लिए नोटिस और अनुरोध मिल रहे हैं। बता दें कि वन97 कम्युनिकेशंस, जो पेटीएम ब्रांड के तहत वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है, और इसकी बैंकिंग शाखा पेटीएम पेमेंट्स बैंक है।
पेटीएम ने कहा कि उसका सहयोगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड बाहरी विदेशी प्रेषण नहीं करता है।
पेटीएम ने एक नियामक फाइलिंग में कहा
वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल), इसकी सहायक कंपनियों और इसके सहयोगी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को समय-समय पर ग्राहकों के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित अधिकारियों से सूचना, दस्तावेज और स्पष्टीकरण के लिए नोटिस और मांगें मिल रही हैं। जिसने संबंधित संस्थाओं के साथ व्यापार किया होगा, और अधिकारियों को आवश्यक जानकारी, दस्तावेज और स्पष्टीकरण प्रदान किए होंगे।
पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसके सहयोगी ने अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार जानकारी, दस्तावेज और स्पष्टीकरण प्रदान करना जारी रखा है।
सूत्रों के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय और वित्तीय खुफिया इकाई ने आरबीआई से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को ग्राहक खातों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोकने के लिए की गई हालिया कार्रवाई पर अपनी रिपोर्ट साझा करने के लिए कहा था।
केंद्रीय बैंक ने 31 जनवरी को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उपकरणों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया।