गुरुग्राम स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल के मालिकों को मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से स्कूल मालिकों को अग्रिम जमानत मिली थी, जिसे प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति अभय मोहन सप्रे की पीठ ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए ठाकुर की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि मामले की जांच जारी है और सीबीआई अब तक इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि स्कूल मालिकों का इस अपराध में हाथ है।
अपराध में उनकी संलिप्तता तब तक साबित नहीं हो सकती जब तक उनके खिलाफ पुख्ता सबूत न हो। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने मालिकों को अग्रिम जमानत चालान दाखिल करने तक के लिए दी हुई है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश में त्रुटि नहीं है।
स्कूल मालिकों की ओर से कहा गया था कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी ओर से पेश वकील ने कहा कि सीबीआई के अनुसार एक छात्र ने दूसरे छात्र की हत्या की। ऐसे में स्कूल मालिकों पर हत्या का मामला कैसे बनता है। साथ ही सीबीआई ने मालिकों के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया है।
मालिकों का कहना है कि देशभर में उनके 50 से अधिक स्कूल हैं। वहीं, प्रद्युम्न के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल की ओर से दलील दी गई थी कि स्कूल मालिक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उनके जमानत पर रहने से सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है। लिहाजा उनकी अग्रिम जमानत निरस्त की जानी चाहिए।